में व्यवसाय करना पाकिस्तान इस्लामाबाद
सीखना यूनिट सारांश: अंतरराष्ट्रीय व्यापार और में व्यवसाय करना पाकिस्तान. पाठ्यक्रम:
- का परिचय इस्लामी गणतंत्र की पाकिस्तान (मध्य एशिया)
- पाकिस्तान अर्थव्यवस्था.
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार की पाकिस्तान.
- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश.
- पाकिस्तान मुख्य निर्यात:
- उत्पादों और बाजार. अंतरराष्ट्रीय व्यापार विकास अधिकार की पाकिस्तान.
- विक्रय संवर्धन में पाकिस्तान.
- में व्यवसाय करना कराची, इस्लामाबाद और लाहौर.
- मामले का अध्ययन:
- पाकिस्तानi सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग.
- मोटर सेक्टर.
- Hinopak मोटर्स.
- पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं पाकिस्तान दूर संचार.
- Chawla समूह. - मामले का अध्ययन: पाकिस्तानi मुसलमान व्यापारी: Shahid खान, Saigol परिवार,
- मियां मुहम्मद Mansha,
- दीवान फारूकी. - बाजार के लिए उपयोग
- के लिए व्यापार योजना पाकिस्तान
इसलाम है यह राज्य धर्म की इस्लामी गणतंत्र की पाकिस्तान, अधिकांश की 190 मिलियन पाकिस्तान (95-97%) हैं सुन्नी मुसलमानों, शियाओं प्रतिनिधित्व 5% जनसंख्या की, यह दूसरा देश के बाद ईरान. अधिकांश पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं मुसलमानों में पाकिस्तान आशामानना Madhhab हनाफी स्कूल की इस्लामी न्यायशास्त्र.
- मास्टर डिग्री: मास्टर्स डिग्री में अंतरराष्ट्रीय व्यापार (ई-शिक्षा), मास्टर्स डिग्री में भूमंडलीय विपणन, मुसलमानों देशों, एशिया
- डॉक्टरेट: इस्लामी देश, धर्म और व्यापार
इकाई सीखता के लिए पाकिस्तानi छात्र:
- भारत - पाकिस्तान व्यवस्था
- मुक्त व्यापार समझौता की पाकिस्तान: बांग्लादेश, श्रीलंका.
सीखना यूनिट सारांश (में व्यवसाय करना पाकिस्तान)
यह इस्लामी गणतंत्र की पाकिस्तान है हितकर स्थित में केंद्रीय - दक्षिण एशिया. पाकिस्तान एक अगला ग्यारह अर्थव्यवस्था साथ प्रमुख आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों.
पाकिस्तान है निर्मित महत्त्वपूर्ण आर्थिक सुधारों मुख्यत में यह विनिर्माण सेक्टर और वित्तीय सेवाओं, लेकिन यह दृष्टिकोण के लिए आर्थिक विकास में यह इस्लामी गणतंत्र की पाकिस्तान है नहीं आशावादी.
- यह मोटर सेक्टर की पाकिस्तान (32 मोटर विनिर्माण इकाइयों) में से एक है प्रमुख योगदानकर्ता तक यह विनिर्माण में पाकिस्तान (की वृद्धि 30% प्रतिवर्ष)
- यह कपड़ा उद्योग की इस्लामी गणतंत्र की पाकिस्तान है यह प्रमुख ड्राइवर की निर्यात विकास
मियां मुहम्मद Mansha
पाकिस्तान एक लोकतंत्रीय संसदीय संघीय गणतंत्र साथ इसलाम जैसा यह राज्य धर्म. में 1979 यह नई दंड उपाय पर आधारित इस्लामी सिद्धांत की कानून (शरीयत) सेना में प्रवेश (एक की स्थापना सामाजिक कल्याण प्रणाली पर आधारित जकात). केवल मुसलमानों है यह सही तक अधिनियम जैसा न्यायाधीशों में यह संघीय कोर्ट की शरीयत.
मार्केट एक्सेस टूल:
यह अंतरराष्ट्रीय पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं व्यापार विकास अधिकार की पाकिस्तान है यह एजेंसी की सरकार की पाकिस्तान कार्य करना में यह संवर्धन की बाह्य व्यापार की पाकिस्तान.
का उदाहरण इकाई सीखना में व्यवसाय करना पाकिस्तान:
शाहिद "शाद" खान (पाकिस्तान, 1952), है एक महत्त्वपूर्ण लाखपति व्यापारी जीवित में यह यूनाइटेड स्टेट्स. है यह मास्टर डिग्री की जैक्सनविल जगुआर और फ्लेक्स एन गेट (निर्माता की ऑटो अवयव).
यह Saigols परिवार (से भारत) स्थापित यह पहले कपड़ा इकाई "कोहिनूर कपड़ा मिल्स" नीचे छाता की कोहिनूर उद्योगों सीमित.
भारत के साथ रिश्ते को लेकर बार-बार टीस मार रहा पाकिस्तान का दर्द, जानिए क्या कहा पीएम शहबाज ने
पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते सुधारने की इच्छा रखता है. पाकिस्तान के तत्काल पीएम शहबाज शरीफ ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार बढ़ाने से बड़ा फायदा हो सकता है. लेकिन कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की अकड़ कम नहीं हो रही है. जानिए क्या कहा है पीएम शहबाज शरीफ ने.
Published: June 1, 2022 8:27 AM IST
India-Pakistan Relationship: महंगाई की मार झेल रही जनता और कंगाली के मुहाने पर खड़े पाकिस्तान को अब भारत की दोस्ती याद आ रही है. भारत के लिए एक तरफ तो पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कसीदे-दर-कसीदे पढ़ रहे हैं और अपने देश की सरकार से भारत से सीख लेने की बात कर रहे हैं तो अब पाकिस्तान के वर्तमान पीएम शहबाज शरीफ ने भी कहा है कि दोनों देशों को व्यापार से बड़ा आपसी लाभ हो सकता है. इस बीच ये भी कहा जा रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत शुरू हो सकती है.
Also Read:
भारत से दोस्ती की चाहत, मगर अकड़ नहीं हो रही कम
अपने तुर्की की यात्रा से ठीक पहले दिए अपने बयान में शहबाज शरीफ ने कहा कि हम जानते हैं कि भारत के साथ अच्छे व्यापार रिश्ते करके हमें बड़ा फायदा हो सकता है. अपने इस बयान के बाद भी कंगाली के बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अकड़ दिखाते हुए कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल किए बिना दोनों देशों के बीच व्यापार शुरू नहीं हो सकता.
कश्मीर को लेकर छलक रहा पाकिस्तान का दर्द
शहबाज शरीफ ने एक तरफ तो रिश्ते सुधारने की बात पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं कही तो वहीं दूसरी तरफ कहा कि भारत की ओर से कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने हिंदुस्तान के साथ व्यापार को बंद कर दिया था. शरीफ ने कहा, ‘हम जानते हैं कि भारत के साथ अच्छे व्यापार पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं रिश्ते से हम बड़ा आर्थिक लाभ ले सकते हैं. इसके बाद भी कश्मीरी लोगों के कथित अत्याचार, जनसंख्या का ढांचा बदलने के प्रयासों, भारत की ओर से कश्मीरी जनता को अधिकार नहीं देने से यह कल्पना करना कठिन है कि व्यापार के मोर्चे पर कोई प्रगति हो सकती है.’
कश्मीर को लेकर बना रहा दबाव
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के अपने फैसले को वापस लेकर रिश्तों को सामान्य बनाए और इसके साथ ही बातचीत के लिए माहौल तैयार करे. शहबाज ने दावा किया कि तुर्की और पाकिस्तान दोनों ही कश्मीर पर एक जैसी राय रखते हैं. शहबाज शरीफ का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत शुरू हो गई है.
भारत नहीं मानेगा पाकिस्तान की बात
पाकिस्तान की कश्मीर को लेकर बार-बार की जा रही मांग को भारत अनसुना कर रहा है. लेकिन भारत सरकार जम्मू- कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को कोई भी रियायत देने के मूड में नहीं हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत को फिर से शुरू करने का इच्छुक तो है लेकिन शहबाज सरकार को कश्मीर के मुद्दे पर कोई राहत नहीं देना चाहता है. कहा जा रहा है कि भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते सुधारने के लिए पश्चिमी देश लगातार दबाव बना रहे हैं.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें विदेश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें
फरवरी, 2014 में भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं व्यापार मेला का आयोजन कहाँ किया गया था?
Key Points
- 2014 में 13 से 17 फरवरी तक जा लंधर में भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला आयोजित किया गया था।
- यह भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंधों पर अनुसंधान के लिए भारतीय परिषद (ICRIER ) के दिमाग की उपज है ।
- इसका उद्देश्य इन दोनों देशों के बीच अपने व्यापार संबंधों में सुधार के माध्यम से कुछ हद तक संबंधों में सुधार करना है क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच प्रभावित व्यापार संबंध दोनों देशों के लिए अवसर लागत में वृद्धि करके संघर्ष के पक्षों को कम करेगा।
- इस तरह के प्रदर्शनियों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों से लोगों के बीच संवाद में शामिल होना है जिससे शांति और सद्भाव कायम हो सके।
- प्रदर्शनी में पाकिस्तानी गोमेद संगमरमर, कपड़ा, काबुल के सूखे मेवे, कश्मीरी कालीन, जयपुर के गहने, घरेलू उपकरण, कल्याण और स्वास्थ्य उत्पाद, उच्च श्रेणी के चमड़े के बैग और क्रॉकरी, रजाई के अलावा लोहे के फर्नीचर और कृत्रिम फूल शामिल होंगे।
Additional Information
- भारत-पाकिस्तान व्यापार संबंध:-
- जम्मू और कश्मीर की स्थिति को बदलने वाले अनुच्छेद 370 में संवैधानिक परिवर्तनों के कारण पाकिस्तान ने अगस्त 2019 में भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापा र को निलंबित कर दिया।
- पाकिस्तान को भारत का निर्यात लगभग 60% गिरकर 816.62 मिलियन अमरीकी डालर हो गया, और इसका आयात 2019-20 में 97% गिरकर 13.97 मिलियन अमरीकी डालर हो गया ।
Share on Whatsapp
Last updated on Sep 21, 2022
UPPCS Cut Off and Marksheet released for the 2021 examination. Earlier, the final result for the same was released. A total of 627 candidates were selected after the interview. UPPSC PCS 2022 cycle is also पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं ongoing. The Mains exam for the same was held between 27th September to 1st October 2022.
महंगाई की मार के बाद पाकिस्तान को याद आया भारत, कहा- फिर से शुरू करेंगे व्यापार, निर्यात को मिलेगा बढ़ावा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर पाकिस्तान को भारतीय आयात में 2 फीसदी की हिस्सेदारी मिल सकती है, तो यह 8 अरब डॉलर होगा, लेकिन राजनीति के लिए इस मौके की लगातार अनदेखी की जा रही है.
देश में बढ़ती महंगाई के बीच पाकिस्तान (Pakistan) के नेशनल बिजनेस ग्रुप के चेयरमैन ने भारत के साथ व्यापारिक संबंध फिर से शुरू करने का ऐलान किया है. नेशनल बिजनेस ग्रुप (National Business Group) पाकिस्तान के अध्यक्ष और पूर्व प्रांतीय मंत्री मियां जाहिद हुसैन ने बुधवार को कहा कि भारत से कच्चे पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं माल (Raw Material) और अन्य आदानों के प्रत्यक्ष आयात से उत्पादन की लागत कम होगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. द फ्रंटियर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार हुसैन ने कहा कि महंगाई (Inflation) कम करके पाकिस्तानी लोगों को राहत देने का प्रभावी तरीका विवादास्पद और अव्यवहारिक पैकेज नहीं है.उन्होंने कहा कि भारत के साथ व्यापारिक संबंध बहाल होने से पाकिस्तान में महंगाई कम करने में मदद मिलेगी.
पाकिस्तानी कारोबारी नेता के मुताबिक, रूस से दोगुनी अर्थव्यवस्था वाले पड़ोसी देश के साथ व्यापार संबंध बहाल करना राजनीति का बंधक बना हुआ है.उन्होंने कहा कि भारत के साथ कुछ व्यापार संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से हो रहा है, लेकिन इससे कीमतें बढ़ जाती हैं और उत्पादन और निर्यात अधिक महंगा हो जाता है. स्थिति को समझते हुए जाहिद हुसैन ने तर्क दिया कि भारत के साथ व्यापार खोला जाना चाहिए ताकि देश में उत्पादन की लागत और मुद्रास्फीति को कम किया जा सके.
पाकिस्तान का कपड़ा और चीनी उद्योग पर गहरा असर
जानकारी के मुताबिक, भारत सालाना 400 बिलियन अमरीकी डालर के सामान का आयात करता है जिसमें संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से पाकिस्तान के कुछ आयात शामिल हैं.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर पाकिस्तान को भारतीय आयात में 2 फीसदी की हिस्सेदारी मिल सकती है, तो यह 8 अरब डॉलर होगा, लेकिन राजनीति के लिए इस मौके की लगातार अनदेखी की जा रही है. इससे पहले 2019 में, पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के नई दिल्ली के फैसले के बाद, भारत के साथ सभी हवाई और भूमि संपर्क और व्यापार और रेलवे सेवाओं को निलंबित कर दिया था.
पाकिस्तान का कपड़ा और चीनी उद्योग इस व्यापार प्रतिबंध से प्रभावित हुआ है, वहीं भारत के सीमेंट, सेंधा नमक और छुहारे आदि ड्राई फ्रूट्स के बाजार पर इस प्रतिबंध का असर पड़ा है.पाकिस्तान पर इस व्यापार प्रतिबंध का ज्यादा असर हुआ है. वहां का कपड़ा और दवा उद्योग कच्चे माल के लिए भारत पर निर्भर है और प्रतिबंधों का इन पर खासा असर पड़ा है.
क्या कहती है विश्व बैंक की रिपोर्ट
भारत और पाकिस्तान के बीच कम व्यापार होने का एक कारण हाई टैरिफ, कठिन वीजा नीति और व्यापार पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं की मुश्किल प्रक्रिया भी है. साल 2018 में आई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर दोनों देश व्यापार प्रक्रिया को आसान बनाते हैं, टैरिफ को कम करते हैं और वीजा नीति को आसान बनाते हैं तो दोनों का व्यापार 2 पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं अरब डॉलर से बढ़कर 37 अरब डॉलर का हो सकता है.
पाकिस्तान से तुर्की तक चलेगी मालगाड़ी, 10 साल के बाद फिर से हुई शुरुआत
पाकिस्तान, ईरान और तुर्की को जोड़ने वाली एक मालगाड़ी सेवा क्षेत्रीय संपर्क में सुधार और तीनों देशों के बीच व्यापार क्षमता को बढ़ावा देने के लिए फिर से शुरू की गई है। यह सेवा, 10 से अधिक वर्षों तक.
पाकिस्तान, ईरान और तुर्की को जोड़ने वाली एक मालगाड़ी सेवा क्षेत्रीय संपर्क में सुधार और तीनों देशों के बीच व्यापार क्षमता को बढ़ावा देने के लिए फिर से शुरू की गई है। यह सेवा, 10 से अधिक वर्षों तक निलंबित रही। यह जानकारी बुधवार को मीडिया की खबर से मिली।
तीनों देशों पाकिस्तान, तुर्की और ईरान की योजना भविष्य में इसी मार्ग पर एक यात्री रेल सेवा शुरू करने की भी है। पाकिस्तान के रेल मंत्री आजम खान स्वाति ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और प्रधानमंत्री के वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद के साथ मंगलवार को यहां मार्गल्ला रेलवे स्टेशन पर इस्लामाबाद-तेहरान-इस्तांबुल (आईटीआई) मालगाड़ी शुरू की। इस पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं अवसर पर तुर्की, ईरान, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राजदूत भी मौजूद थे।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईटीआई मालगाड़ी का हर मंगलवार को परिचालन होगा जो इस्लामाबाद में मार्गल्ला रेलवे स्टेशन से अपना सफर शुरू करके ईरान के जाहेदन में पहली मंजिल की तरफ बढ़ेगी और फिर इस्तांबुल जाएगी। इस्लामाबाद से इस्तांबुल के लिए पहली ट्रेन का उद्घाटन 14 अगस्त 2009 को हुआ था। पाकिस्तान रेलवे के अनुसार इसी तरह, इस्तांबुल से पहली खेप 13 अगस्त, 2010 को इस्लामाबाद पहुंची। अब तक, पाकिस्तान से तुर्की के लिए आठ ट्रेनें भेजी गई हैं, जिनमें से आखिरी 5 नवंबर, 2011 को लाहौर से रवाना हुई थी।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 465