जनवरी 2022 (6.88 करोड़) के महीने में ई-वे बिलों की तुलना में, छोटा महीना होने के बावजूद फरवरी 2022 के महीने में ई-वे बिलों की कुल संख्या 6.91 करोड़ है, जो तेज गति से व्यावसायिक गतिविधि की वसूली का संकेत देता है।

चार्ट चालू वर्ष के दौरान मासिक सकल जीएसटी राजस्व में रुझान दिखाता है। तालिका मार्च 2021 की तुलना में मार्च 2022 के महीने के दौरान प्रत्येक राज्य में एकत्र किए गए जीएसटी के राज्य-वार आंकड़े दिखाती है।

चोरी करने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंक्‍लेप्‍टोमेनिया एक इंपल्‍स कंट्रोल डिसऑर्डर है जो एक प्रकार का मानसिक विकार होता है। जिसमें बार-बार चोरी करने का मन करता है। इस विकार में बच्‍चा दुकानों से सामान चुराता है। अपने साथियों के बैग, पॉकेट या कपड़ों से पैसे चुराता है।

चोरी की सजा कितनी होती है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 379 के अनुसार, जो भी व्यक्ति चोरी करने का अपराध करता है उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे 3 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।

चोरी करने का परिणाम क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंअवस्था– अगर शुरुआती समय में किसी को चोरी के लिए सज़ा नही मिलती है तो उसको इस तरह की चोरी की आदत हो जाती है। अन्य मानसिक अवस्था– जिस व्यक्ति को ये समस्या होती है उनको अन्य मानसिक समस्याएं जैसे व्याग्रता, बाइपोलर डिसऑर्डर और अन्य मानसिक समस्याएं हो सकती है।

चोरी क्या है समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंचोरी क्या है और इसके आवश्यक तत्व क्या है? जो कोई किसी व्यक्ति के कब्जे में से उस व्यक्ति की सम्मति के बिना कोई चल संपत्ति बेईमानिपुर्वक ले लेने के आशय से हटाता है , वह चोरी करता है , यह कहा जाता है .

379 आईपीसी में सजा कितनी है?

चोरी के मामले में कौन सी धारा लगती है?

इसे सुनेंरोकेंचोरी को आईपीसी क्रिप्टो चोरी के लिए रिकॉर्ड वर्ष की धारा 378 के तहत परिभाषित किया गया है। इसके साथ ही चोरी के कृत्य की प्रतिबद्धता के लिए सजा को भी आईपीसी की धारा 379 के तहत परिभाषित किया गया है ।

चोरी करने पर कौन सा धारा लगता है?

चोरी डकैती और लूट में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंजब चोरी करने के लिए या करने में या चुराई सम्पत्ति ले जाने या उसके कोशिश में कोई हिंसा की जाती है तो यह लूट हो जाता है. वहीँ लूट करने वाले व्यक्तियों की संख्या यदि 5 या अधिक है तो यह डकैती कहलाएगी. इसके लिए general दण्ड आजीवन कारावास या 10 वर्ष का कठिन कारावास एवं fine है.

चोर के क्या लक्षण होते हैं?

इसके लक्षणों में निम्‍न शामिल हैं :

  • बिना जरूरत के बार-बार चोरी करने का मन करना।
  • कोई पर्सनल फायदा न मिलने पर भी या बदला लेने, गुस्‍से में चोरी करना।
  • बिना सोचे-समझे और क्रिप्टो चोरी के लिए रिकॉर्ड वर्ष किसी अन्‍य व्‍यक्‍ति की मदद के चोरी करना।
  • चोरी करने के बाद राहत या खुशी महसूस करना।
  • बढ़ती हुई एंग्‍जायटी या टेंशन से चोरी करना।

चोरी करने की बीमारी को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजैसे चोरी करने की बीमारी। जी हां सुनने में भले अटपटा लग रहा हो लेकिन ये सही है, इस बीमारी को क्लेप्टोमेनिया कहते हैं।

चोरी करने से क्या हानि होती है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 381: जो कोई भी, क्लर्क या नौकर होने के नाते, या क्लर्क या नौकर की हैसियत से नियोजित होता है, अपने मालिक या नियोक्ता के कब्जे में किसी भी संपत्ति के संबंध में चोरी करता है, उसे एक शब्द के लिए या तो विवरण के कारावास से दंडित किया जाएगा जो सात साल तक बढ़ सकता है, और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा ।

चोरी करने वाले को भगवान क्या सजा देता है?

इसे सुनेंरोकेंगरूड़ पुराण में भगवान विष्णु कहते हैं कि जो व्यक्ति हिंसक कर्म करता है, जीवों की हत्या करता है, राहगीरों को धन लूटकर जीविका चलाते हैं ऐसा व्यक्ति नर्क में घोर यातना सहकर कसाई के घर बकड़ी के रूप में जन्म लेता है और कष्ट पूर्ण मृत्यु को प्राप्त करता है।

चोरी करने का क्या फल मिलता है?

इसे सुनेंरोकें* जो मनुष्य दूसरों की वस्तु हड़पने या चुराने का प्रयास करता है, वह महापापी माना जाता है। किसी और की वस्तु को छल से पाने या चुराने में मनुष्य के जीवन के सभी पुण्य कर्म नष्ट हो जाते हैं। चोरी की हुई वस्तु से कभी भी लाभ नहीं मिलता, बल्कि उसकी वजह से नुक्सान का ही सामना करना पड़ता है। दान न करने वाला भी महापापी होता है।

चोरी करने पर कितने साल की सजा होती है?

इसे सुनेंरोकेंसजा– तीन वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना भी या दोनों हो सकते है । यह एक अजमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

WazirX का Drugs Trade के आरोपों से इनकार

ND : बिनांस (Binance) की स्वामित्व वाली भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) पर अपने प्लेटफॉर्म के जरिये ड्रग्स के व्यापार (Drugs Trade) को बढ़ावा देने का आरोप लगा है। आरोप है कि ड्रग्स पेडलर मकरंद प्रदीप अदिविलकर (Makarand P Adivirkar) जिसे क्रिप्टो किंग (Crypto King) के नाम से जाना जाता है, उसने WazirX जैसे क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स के जरिये भारत में कई ड्रग्स डीलर नेटवर्क्स को पेमेंट की फैसिलिटी मुहैया कराई।

WazirX ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि Crypto King यानी मकरंद अदिविलकर उसका क्लायंट नहीं है। WazirX ने कहा कि मकरंद उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करता था। मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने मकरंद अदिविलकर को मंगलवार को गिरफ्तार जो कि ड्रग्स का इस्तेमाल करने वालों को ड्रग्स खरीदने के बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसीज मुहैया कराता था।

Biggest Car Thief of India: सफर ऑटो चालक से वाहन चोरी फिर तस्करी; 27 सालों में चुराईं 5000 से अधिक कारें

ऑटो रिक्शा चलाकर अपने परिवार का गुजारा करने वाले कार चोर अनिल चौहान को 5 साल की सजा भी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि उसकी तीन बीवियां और सात बच्चे हैं। 5000 से अधिक कारें चोरी का रिकॉर्ड बना क्रिप्टो चोरी के लिए रिकॉर्ड वर्ष चुका अनिल गैंडे के सींग की तस्करी में भी आरोपी रह चुका।

Biggest Car Thief of India: सफर ऑटो चालक से वाहन चोरी फिर तस्करी; 27 सालों में चुराईं 5000 से अधिक कारें

Om prakash Napit

कभी दिल्ली में चलता था ऑटो रिक्शा

अनिल चौहान कभी दिल्ली में रहकर ऑटो रिक्शा चलाकर अपना गुजारा करता था। 1990 में वह दिल्ली के खानपुर इलाके में रहता था। इसी दौरान वह कुछ अपराधी किस्म के लोगों को संपर्क में आया और उसने कारें चुराना शुरू किया। फिर 30 सालों के दौरान उसने 5000 से ज्यादा कारें चुराकर एक कीर्तिमान बना दिया।

कारें चुराकर बेचने के धंधे से अनिल चौहान ने बेहिसाब दौलत कमाई है। बताया जाता है कि उसकी कई संपत्तियां दिल्ली के अलावा मुंबई और उत्तर पूर्वी राज्यों में हैं। ईडी ने भी उसके खिलाफ मनी लांड्रिग का केस भी दर्ज किया था। उसके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी।

हथियार भी हुए बरामद

पुलिस ने आरोपी अनिल चौहान को एक चोरी की मोटरसाइकिल, एक चोरी की कार, 6 देश में बनी पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 7 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं।

अनिल चौहान पुत्र लेफ्टिनेंट देशराज चौहान निवासी खानपुर एक्सटेंशन का रहने वाला है। मूलरूप से असम का रहने वाला अनिल चौहान दिल्ली से 12वीं तक पढ़ा है। 1998 में वाहन चोरी करना शुरू किया और देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 5000 वाहन चुराए। पुलिस उसे कई बार गिरफ्तार कर जेल भी भेज चुकी है।

जम्मू कश्मीर, नेपाल में बेच देता था चोरी की कारें

सेंट्रल दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने बताया कि शातिर कार चोर और तस्करी में आरोपी अनिल चौहान को असम से गिरफ्तार किया है। अनिल ने पिछले 27 साल से अपराध की दुनिया में कई कारनामे किए। दक्षिण दिल्ली में 1990 में आटो चलाने वाले अनिल ने 27 सालों के 5000 से कारें चुराईं और इनमें सबसे ज्यादा (मारुति 800) कारें हैं। अनिल चोरी की कारों को जम्मू कश्मीर, नेपाल और उत्तर पूर्व के राज्यों में बेच देता था।

दिल्ली के निजामुद्दीन थाने के एक आपराधिक मामले में अनिल चौहान को 5 साल की सजा सुनाई गई थी। वह पहले 180 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। आरोपी अनिल चौहान असम सरकार में प्रथम श्रेणी का ठेकेदार था। बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके घर पर छापा मारा और उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली। इसके बाद बैंक ने उसकी सारी संपत्ति नीलाम कर दी और वह फिर से चोरी करने लगा। असम में उसे गैंडे के सींग के तस्कर के रूप में जाना जाता है।

मार्च 2022 में GST कलेक्शन ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, कुल GST कलेक्शन रहा 1,42,095 करोड़ रुपये

मार्च 2022 में GST कलेक्शन ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, कुल GST कलेक्शन रहा 1,42,095 करोड़ रुपये

मार्च 2022 महीने में एकत्र सकल जीएसटी राजस्व 1,42,095 करोड़ रुपये रहा जिसमें सीजीएसटी 25,830 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 32,378 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 74,470 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 39,131 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 9,417 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 981 करोड़ रुपये सहित) है। मार्च 2022 में कुल सकल जीएसटी संग्रह जनवरी 2022 के महीने में एकत्र किए गए 1,40,986 करोड़ रुपये के पूर्व के रिकॉर्ड को तोड़कर अब तक का सबसे अधिक है।

सरकार ने नियमित भुगतान के रूप में आईजीएसटी से 29,816 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 25,032 करोड़ रुपये एसजीएसटी का निपटारा किया। इसके अलावा, केन्‍द्र ने इस महीने में केन्‍द्र और राज्यों/ संघ राज्‍य क्षेत्रों के बीच 50:50 के अनुपात में तदर्थ आधार पर आईजीएसटी के 20,000 करोड़ रुपये का निपटारा किया है।

पिछले साल के स्तर के ऊपर पहुंचा टैक्स कलेक्शन

महापात्र ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘एक फरवरी तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 10.38 लाख करोड़ रुपये है. यह बजटीय अनुमान से केवल 70,000 करोड़ रुपये कम है। इस समय यह आंकड़ा पिछले साल के कुल संग्रह के मुकाबले बेहतर है’’ उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह अबतक 11.18 लाख करोड़ रुपये से ऊपर कभी नहीं गया है. सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, ‘‘इस साल हम 12 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने जा रहे हैं…हमारा लक्ष्य 12.50 लाख करोड़ (संशोधित अनुमान) रुपये का है. और हमें न केवल इस लक्ष्य को हासिल करने बल्कि संभवत: इसे पार कर जाने का भरोसा है’’ उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने में अभी दो महीने है. ऐसे में लक्ष्य दायरे में लग रहा है.

वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 12.50 लाख करोड़ रुपये में से 6.35 लाख करोड़ रुपये कंपनी कर श्रेणी में जबकि 6.15 लाख करोड़ रुपये व्यक्तिगत आयकर खंड में आने का अनुमान है. महापात्र ने कहा कि इस बार कर विभाग बेहतर स्थिति में है. इसका कारण विभिन्न उपाय हैं, जो पिछले कुछ साल में करदाताओं और कर प्राधिकरण दोनों के लिये प्रत्यक्ष कर संग्रह प्रणाली को दुरुस्त करने को लेकर किये गये हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम लंबे समय तक ऐसी स्थिति में नहीं थे, जैसे आज हैं. इसका कारण हमने करदाताओं के लिये कर अनुपालन को आसान बनाया है. साथ ही हमें आयकर विभाग की आंकड़ा प्रसंस्करण क्षमता पर भरोसा है.’’ सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि इसके अलावा कारोबार के संगठित रूप में आने, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), बाजार नियामक सेबी समेत विभिन्न एजेंसियों के बीच आंकड़ों को साझा करने से भी हमें मदद मिली है. इससे आंकड़े एकत्रित करने में मदद मिली.हम सभी अन्य एजेंसियों का क्रिप्टो चोरी के लिए रिकॉर्ड वर्ष लाभ उठा रहे हैं’’ उन्होंने कहा, ‘‘कर अधिकारियों को विभिन्न श्रेणियों में इलेक्ट्रॉनिक आंकड़े प्राप्त हुए हैं. अत: उन्हें कर चोरी करने वालों पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखने की जरूरत नहीं है. साथ ही करदाताओं के लिये स्वैच्छिक अनुपालन प्रक्रिया भी लायी गयी है’’महापात्र के अनुसार, 2018-19 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.18 लाख करोड़ रुपये, 2019-20 में 10.28 लाख करोड़ रुपये और 2020-21 में यह 9.24 लाख करोड़ रुपये था।

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