हालांकि कुछ जोखिम कारक आपके नियंत्रण में नहीं होते, जैसे आपकी आयु और पारिवारिक इतिहास, लेकिन दूसरे कारकों को नियंत्रित या दूर किया जा सकता है जिससे आपका जोखिम कम हो जाता है। इनमें निम्न शामिल हैं:
कोरोनरी धमनी की बिमारी के बारे में
हृदय एक मांसपेशी होती है जो आपके पूरे शरीर में रक्त को पम्प करता है। रक्त में ऑक्सीजन और पोषक तत्व होते हैं जिनकी आवश्यकता शरीर को क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं सही कार्य करने के लिए होती है। हृदय को उचित कार्य करने में सक्षम होने के लिए ऑक्सीजन युक्त ब्लड की निरंतर सप्लाई की आवश्यकता होती है। हृदय को इस रक्त की सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी धमनियां कहते हैं। यदि ये धमनियां सकरी हो जाती हैं या ब्लॉक हो जाती हैं तो परिणामस्वरूप हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, और इसके लिए उपचार की आवश्यकता होती है।
कोरोनरी धमनी की बीमारी के क्या कारण होते हैं?
प्लाक (रक्त में वसा, कॉलेस्ट्रोल, कैल्सियम और अन्य पदार्थ) नामक वसीय, मोम जैसा जमा पदार्थ एथेरोस्कलेरोसिस नामक प्रक्रिया में कोरोनरी धमनियों में जमा हो सकता है। यह जमा हुआ पदार्थ आपकी धमनियों को संकरा बना सकता है या आपकी धमनियों में जम सकता है, जिससे हृदय में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। इस प्रक्रिया को कोरोनरी धमनी की बीमारी (सीएडी) कहते हैं।
शुरुआती चेतावनियों को कैसे परखें?:
दिल का दौरा पड़ने वाले लक्षण व्यक्ति विशेष भिन्न प्रकार के होते हैं। और यहां तक कि एक ही व्यक्ति का दिल का दौरा पिछली बार पड़ा दौरे से अलग हो सकता है। छाती में दर्द या दबाव दिल का दौरा पड़ने का सबसे सामान्य लक्षण है। शुरुआती पहचान और शीघ्र उपचार के लिए दिल के दौरे के लक्षणों को जानना ज़रूरी है। ध्यान रखें आपके रोजमर्रा क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं की जिंदगी में आप अपने सेहत का भी उतना ही ख्याल रखें जितना आप अपने अपनों का रखते है।
महिलाओं और पुरुषों में भी हार्ट अटैक के लक्षण अलग होते है। एक अध्ययन से पता चला है कि पुरुषों से ज़्यादा महिलाओं में होते है हार्ट प्रॉब्लम।
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण:
हार्ट अटैक के इन निश्चित लक्षणों को महिलायें अक्सर मामूली समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं।
●महिलाओं के सीने में और स्तन मैं दर्द होना, शरीर के ऊपरी भाग में यानि गर्दन, पीठ, दांत, भुजाएं और कंधे की हड्डी में तेज़ दर्द होना।
●चक्कर आना, बेचैनी महसूस करना, या सिर घूमना, जी मचलाना, उलटी, पेट खराब होना आदि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक दिखाई देते हैं। दिल में गहराई तक जेक रक्त पहुंचाने वाली दायीं धमनी अवरुद्ध हो जाने के वजह से अक्सर ऐसा होता है।
●जबड़े में दर्द होना महिलाओं में हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण है क्योंकि इसके पास जो नसें होती हैं वे आपके हृदय से निकलती हैं। क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं ये दर्द थोड़ी-थोड़ी देर में होता है।
●सांस लेने में परेशानी, खांसी का दौरा और भारी सांस लेना (एक अध्ययन से पता चला है कि ४२ % महिलाएं जिन्हें हार्ट अटैक आया उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
●५५ साल उम्र के महिलाओं में हॉर्मोन्स के बदलाव के वजह से अचानक पसीना क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं आना बहुत सामान्य होते है। हालांकि, अचानक पसीना आने पर ये हार्ट अटैक के लक्षण भी हो सकते हैं
डॉक्टर से मदद कब लेनी है?
हार्ट अटैक के लक्षणों पर ध्यान दें और अगर कुछ नए लक्षण महसूस हो रहे हैं और वे दूर नहीं हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। जब अपने अंदर शारीरिक बदलाव दिखे सावधान हो जाएं। इसे काम के प्रेशर के चलते होने वाली कमजोरी या फिर कोई दूसरा कारण समझ कर अनदेखी ना करें तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपंर्क करें। बाद में पछताने से अच्छा है कि डॉक्टर से सुझाव लें और सुरक्षित रहें।
दिल के दौरे का इलाज से क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं ज़्यादा बचाव जरुरी होता है। दौरा पड़े ऐसा मौका आने से पहले डॉक्टर्स का सुझाव लें। इ. सी. जी., चेस्ट एक्स-रे, इकोकार्डियोग्राम, एंजियोग्राम, कार्डिएक सी. टी. या एम.आर. आई, इत्यादि के ज़रिये रोगनिर्णय करना आज के समय में बहुत ही आसान है।
सीने में जकड़न और बेचैनी, सांसों का तेजी से चलना, चक्कर के साथ पसीना आना, नब्ज कमजोर पड़ना और बेचैनी होने जैसी हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों को पहचानें।
समय रहते डॉक्टर तथा अस्पताल से संपर्क करें।
हृदय रोग से उबरने के लिए जरूरी उपचार:
बदलती जीवनशैली, गलत खान-पान और अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों ने हमारे दिल को नुकसान पहुंचाया है, हालांकि कुछ तरीके या साधन हैं क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं जिन्हें अपनाकर आप बहुत आसानी से अपने दिल के दौरे से उबर सकते हैं।
डाइट (मिताहार): अगर आप जल्दी में कुछ भी खाते हैं, तो अपनी आदत को जल्दी छोड़ दें क्योंकि आपको अपने मेटाबॉलिज्म और शारीरिक सक्रियता के अनुसार ही कैलोरी लेनी चाहिए। डेली डाइट या मिताहार करें।संतुलित और पौष्टिक खाना वजन नियंत्रण और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। अगर आप हार्ट प्रॉब्लम से पीड़ित हैं, तो आपको अपने आहार में फल, सलाद, हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज शामिल करना चाहिए। आपको अपने दिन के भोजन में तेल और घी की खपत को बहुत कम करना चाहिए। धूम्रपान से भी दूरी बनाएं रखना भी ज़रूरी है।
निर्धारित व्यायाम: निर्धारित व्यायाम हमारे शरीर और सेहत को स्वस्थ रखने में बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित व्यायाम न केवल आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि कई रोग से हुमारे शरीर को दूर रखते हैं। दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए कोई भी व्यायाम करें या आप कम से कम 30 मिनट के लिए पार्क जा सकते हैं। ऐसा करने से आप अतिरिक्त वसा जलाएंगे और आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर भी नियंत्रित रहेगा। जितने अधिक सक्रिय लोग होते हैं, दिल का दौरा पड़ने का खतरा उतना ही कम होता है।
शरीर की इन जगहों पर हो दर्द तो भूलकर भी न करें इग्नोर
शरीर में अलग-अलग तरह के दर्द होते हैं, जिनके अनेक कारण होते हैं। किसी दर्द का कारण बिल्कुल सामान्य होता है, तो कुछ के कारण गंभीर भी हो सकते हैं। आप किसी भी दर्द को नजरअंदाज न करें, बता रही हैं निधि गोयल
हार्ट अटैक व अन्य कारणों से होने वाले दर्द में फर्क
जब हम अपने बाएं हाथ में दर्द महसूस करते हैं, तो हमें और दूसरी चीजें भी देखनी चाहिए। जैसे पसीने का आना, अचानक ब्लडप्रेशर का कम होना और टहलने पर दर्द का बढ़ जाना। यदि ये सारे लक्षण एक साथ महसूस हो रहे हैं, तो यह हार्ट अटैक हो सकता है। अगर मरीज को डायबिटीज है या उसका कोलेस्ट्रॉल स्तर ठीक नहीं है और तब बाएं हाथ में दर्द महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, यह हार्ट अटैक से संबंधित हो सकता है।
दिमाग को तेज करने के लिए करें सर्वांगासन योग, करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियां
Photo: © (Instagram/yogaconjavier (Main Image)
योग, जीवन शक्ति का चार्जर है।
शहरों की तेज दौड़ती जिंदगी लेकिन सुस्त होते हम लोगों की जिंदगी में कई समस्याएं आने लगती हैं। ये समस्याएं न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक भी होती हैं। इन समस्याओं में सबसे प्रमुख समस्या टेंशन, तनाव, स्ट्रेस, डिप्रेशन या अनिद्रा / इंसोम्निया की है।
भारत के महान योग गुरुओं ने इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए सर्वांगासन की रचना की है। सर्वांगासन को सभी योगासनों की मां या रानी (Mother of all Yoga Poses) कहा जाता है। क्योंकि ये आसन न सिर्फ शरीर बल्कि मन को भी फायदा पहुंचाता है।
क्या है सर्वांगासन? (What Is Sarvangasana Aka Shoulder Stand Pose?)
सर्वांगासन (Sarvangasana) संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है, सभी अंगों का आसन (All Body Parts Pose)। सर्वांगासन, तीन शब्दों से मिलकर बना है। पहले शब्द है सर्व (Sarv) जिसका अर्थ होता है पूरा या संपूर्ण, जिसे अंग्रेजी में Entire भी कहा जाता है।
दूसरा शब्द है अंग (Anga), जिसका अर्थ भाग या हिस्से से है। इसे अंग्रेजी भाषा में Part कहा जाता है। तीसरा शब्द आसन (Asana) है, जिसका अर्थ किसी विशेष स्थिति में खड़े होने, लेटने या बैठने से है। इसे अंग्रेजी भाषा में Pose भी कहा जाता है। सर्वांगासन को कंधे के बल पर उल्टा खड़े होकर किया जाता है। इसी वजह से इसे कंदरासन (Kandrasana) भी कहा जाता है।
सर्वांगासन हठ योग का आसन है। इसे मध्यम कठिनाई या इंटरमीडिएट लेवल का आसन माना जाता है। इसे करने की अवधि 30 से 60 सेकेंड की बताई जाती है। सर्वांगासन के नियमित अभ्यास से,
सर्वांगासन करने के फायदे (Health Benefits Of Sarvangasana Aka Shoulder Stand Pose) :
सभी योगासनों को करने से शरीर और मन को कुछ फायदे मिलते हैं। खासतौर पर, अगर उन्हें सांसों की गति और शरीर के सही तालमेल के साथ किया जाए। सर्वांगासन के साथ भी ऐसा ही है, ये शरीर और मन को हील करके उन्हें मजबूत बनाता है।
सर्वांगासन से होने वाले शारीरिक फायदे (Physical / Anatomical Benefits Of Sarvangasana Aka Shoulder Stand Pose) :
1. कंधों को मजबूत बनाता है (Strengthens Shoulders)
कंधों को मजबूत बनाकर टोन करता है। ये आसन उन लोगों के लिए भी बेहतर काम करता क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं है, जिनके कंधे कमजोर हैं और झुके हुए हैं।
2. गर्दन को मजबूत बनाता है (Strengthens Neck)
सर्वांगासन के नियमित अभ्यास से स्पॉन्डलाइटिस (Spondylitis) या गर्दन अकड़ने (Stiff Neck) की समस्या भी दूर हो जाती है।
क्या होता है माइग्रेन ?
माइग्रेन सिरदर्द की समस्या का ही एक प्रकार है। जो सर के आधे हिस्से में होता है। यह मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र के विकास कारण उत्पन्न होता है। कई बार यह दर्द इतना तेज होता है कि सहनशक्ति से बाहर हो जाता है। माइग्रेन की समस्या होने पर जी मचलाना, उल्टियां होना, ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाना जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार हमारे खान-पान और जीवनशैली में बदलाव के कारण जब वात,पित्त और कफ दोषों में बदलाव होता है, तो अलग-अलग तरह के क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं कारणों के साथ बीमारियां होने लगती हैं। वात के कारण सिरदर्द होने पर न्यूरोलॉजी से संबंधित समस्याएं बढ़ती हैं। जिसमें तेज दर्द शामिल है।
दो प्रकार के होते हैं माइग्रेन के दर्द
माइग्रेन की स्थिति दो प्रकार की होती हैं, जिसमें से एक है क्लासिक माइग्रेन (Classic Migraine) और दूसरा है नॉन क्लासिकल माइग्रेन ( Non Classic Migraine) । क्लासिक माइग्रेन की स्थिति में तेज दर्द उठने से पहले ही कई लक्षण देखने को मिलते हैं। जिसमें धुंधला दिखाई देना और सिर्फ दर्द की हल्की शुरुआत शामिल हैं। नॉन क्लासिक माइग्रेन में समय-समय पर सिर में तेज दर्द होता है, इसके अलावा कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिलता।
- सिरदर्द
- गैस्टिक होना
- मितली
- उल्टी सामान्य लक्षण है
- आँखो में दर्द होना
चलिए कुछ घरेलू उपाय के बारे में जानते हैं :
1 लौंग का पाउडर
अगर आपको अचानक बहुत तेज दर्द उठ जाता है, तो लौंग का पाउडर आपके लिए बहुत फायदेमंद है। आपको बस लौंग के पाउडर में नमक शामिल कर, दूध के साथ उसका सेवन करना है। यह आपको इंस्टेंट राहत देने में मदद करेगा।
माइग्रेन के दर्द से राहत दिला सकती है लौंग। चित्र: शटरस्टॉक
2 अदरक
अदरक एक आयुर्वेदिक औषधि है। माइग्रेन के दर्द में आपको तुरंत राहत देने में काम आती है। आपको अदरक के रस का सेवन करना है। आप चाहें तो अदरक के रस में शहद मिला कर भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। अदरक का किसी भी रूप में सेवन करने से फायदा मिलता है।
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