बिटकॉइन में 100 रुपये का निवेश आपको बना सकता था 7.5 करोड़ का मालिक
9 साल में बिटकॉइन ने साढ़े सात लाख गुना रिटर्न दिया . एक बिटकॉइन का भाव 4000 डॉलर के पार पहुंचा
क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं . यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है. कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है.
कैसे काम करती है बिटकॉइन?
आप बिटकॉइन को अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर बिटकॉइन वॉलेट के रूप में इंस्टॉल कर सकते हैं. इससे आपका पहला बिटकॉइन एड्रेस बनेगा और जरूरत पड़ने पर आप एक से ज्यादा एड्रेस भी बना सकते हैं. अब आप अपने मित्रों को अपना बिटकॉइन एड्रेस दे सकते हैं. इसके बाद आप उनसे भुगतान ले या उन्हें भुगतान कर भी सकते हैं.
अवैध धंधों में हो रही बड़े पैमाने पर इस्तेमाल
बिटकॉइन का इस्तेमाल ब्लैकमनी, हवाला, ड्रग्स की खरीद-बिक्री, टैक्स की चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने पर होता है. बिटकॉइन के बढ़ते इस्तेमाल ने दुनियाभर के देशों में सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. भारत में रिजर्व बैंक या किसी भी अन्य रेग्युलेटर ने इस वर्चुअल मुद्रा को कानूनी मान्यता नहीं दी है.
देश में भी खूब हो रहा बिटकॉइन में लेनदेन
केंद्र सरकार फिलहाल बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के ऑनलाइन लेनदेन पर रोक लगाने की स्थिति में नहीं है. इस मामले में सरकार के भीतर हुए विमर्श कई बार हो चुका है. ऐसी करेंसी की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण संभव नहीं है. हालांकि अभी सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. दुनिया में करीब 90 से अधिक वर्चुअल करेंसी चलन में हैं.
क्या है क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अपने ग्रााहकों को पिछले हफ्ते भेजे नोट में कहा था कि क्रिप्टो करेंसी को अनदेखा नहीं किया जा सकता भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य है. इसमें ग्रोथ की प्रबल संभावना है. भारत में क्रिप्टो करेंसी में शुरुआती कारोबार से जुड़े एमकैप क्रिप्टो करेंसी के संचालक अमित भारद्वाज के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी का भविष्य काफी बेहतर है. अगर आप बिटकॉइन में निवेश से चूक गए हैं तो बाजार में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के कई और विकल्प हैं. मसलन, एमकैप का मौजूदा भाव 2 डॉलर के करीब है इसके अलावा यूथेरियम क्रिप्टो करेंसी का मौजूदा भाव 300 डॉलर है. जानकारों के मुताबिक एमकैप क्रिप्टो करेंसी का भाव इस साल 50 डॉलर के पार जाने की संभावना है.
अगले वित्तीय संकट का कारण क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन हो सकता है: शक्तिकांत दास
बी.एफ.एस.आई इनसाइट समिट में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने अनियमित मुद्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि ये हमारे व्यापक आर्थिक हितों और वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम है। श्री दास ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान क्रिप्टो करेंसी के प्रचलन में बहुत कुछ नया होते देखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर के अधिकांश केंद्रीय बैंकर क्रिप्टोकरेंसी से सचेत रहे हैं। श्री दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तीन मुख्य चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो निजी क्रिप्टो की उत्पत्ति व्यवस्था को तोड़ने के मकसद से हुई है और इसके पक्षधर विनियमित वित्तीय विश्व में विश्वास नहीं करते हैं। दूसरे, क्रिप्टोकरेंसी का कोई आधार नहीं है और इसे लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है कि ये किस सार्वजनिक कल्याण या उद्देश्य की पूर्ति के लिए है।
उन्होंने कहा कि तीसरे, यह एक शत-प्रतिशत सट्टा गतिविधि है, इसलिए, यह एक जोखिम भरी संपत्ति है। आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि क्रिप्टो करेंसी का मूल्य अब एक सौ 40 अरब अमेरिकी डॉलर हो चुका है, और इस साल इसमें लगभग 40 अरब अमेरिकी डॉलर का अवमूल्यन दर्ज हुआ है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शाक्तिदास कांत ने खुदरा ई-रुपये की पहल के बारे में भी बात की। इसे एक दिसंबर को जारी किया गया था। शुरू में ई-रूपया एक सीमित उपयोगकर्ता समूह में कुछ स्थानों पर ग्राहकों और व्यापारियों के बीच प्रयोग होगा।
उन्होंने कहा कि सीबीडीसी भविष्य की मुद्रा है। ये करेंसी नोटों की तरह है जिसके साथ स्वचालित स्वीप इन और आउट सुविधा भी मौजूद है।
उन्होंने आगे कहा कि सीबीडीसी के लिए लॉजिस्टिक्स बहुत सरल होगा और यह भारत को इस सदी में डिजिटल मुद्रा के मामले में सबसे आगे ले जाएगा।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी और NFT विज्ञापनों के लिए ASCI ने जारी की नई सख्त गाइडलाइंस
ASCI Guidelines for Crypto & NFT Ads: भारत में मौजूदा वक़्त में क्रिप्टोकरेंसी और NFTs को लेकर स्थिति अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट होती नज़र नहीं आ रह है। लेकिन लगातार सरकार और वैधानिक संगठनों की ओर से जारी बयानों के चलते ये तो साफ़ हो चला है कि देश में क्रिप्टो व NFTs जैसे डिगिताल एसेट्स को जल्द क़ानूनी मान्यता नहीं मिलती नहीं दिखाई दे रही है।
और अब इस दिशा में एक और बड़ा क़दम आया है, जो देश में क्रिप्टो व एनएफ़टी इंडस्ट्री के लिए बेहद अहम है। असल में एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने वर्चुअल डिजिटल एसेट (Virtual Digital Asset) जैसे – क्रिप्टोकरेंसी, एनएफ़टी आदि से संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
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देश में लगातार क्रिप्टो और एनएफ़टी निवेशकों से पूरी जानकारी ना साझा करते हुए, उन्हें डिजिटल एसेट्स में निवेश की ओर आकर्षित करने जैसी शिकायतों के चलते ये क़दम उठाया गया है।
ASCI Guidelines for Crypto & NFT Ads: All Details
सबसे पहले तो आपको बता दें Advertising Standards Council of India (ASCI) के मुताबिक़ अब से वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापनों में कुछ ऐसे Disclaimer को शामिल करना होगा;
“क्रिप्टो उत्पाद और एनएफटी अनियमित हैं और अत्यधिक जोखिम भरे हो सकते हैं। इस तरह के लेनदेन से किसी भी नुकसान के लिए कोई नियामक का सहारा नहीं लिया जा सकता है।”
“Crypto products and NFTs are unregulated and can be highly risky. There may be no regulatory recourse for any loss from such transactions.”
नए दिशानिर्देशों में ये साफ़ कहा गया है कि तय किए गए इस Disclaimer को एक औसत उपभोक्ता के लिए प्रमुख रूप से पेश करना होगा।
इसको प्रिंट, वीडियो, ऑडियो प्रारूप के साथ-साथ सोशल मीडिया पोस्ट, कहानियों आदि में निर्देशों के मुताबिक़ शामिल करना भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य होगा।
आइए इस दिशानिर्देश से जुड़े कुछ अहम बिंदुओं को जान लेते हैं;
- नए दिशानिर्देश अभी वर्चुअल डिजिटल एसेट संबंधी तमाम विज्ञापन माध्यमों पर लागूँ होंगें। विज्ञापन में स्पष्ट रूप से लिखना होगा कि क्रिप्टो और एनएफ़टी अनियमित उत्पाद हैं और निवेश में भारी जोखिम निहित हो सकता है।
- वर्चुअल डिजिटल एसेट संबंधी उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापनों में “कस्टोडियन”, “करेंसी”, “सिक्योरिटीज” और “डिपॉजिटरी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसका कारण ये बताया गया है कि सामान्यतः इन शब्दों का इस्तेमाल नियमित (रेगुलेटेड) उत्पादों के लिए किया जाता है।
- 12 महीने से कम की अवधि के लिए रिटर्न को शामिल नहीं किया जा सकता है।
- वर्चुअल डिजिटल एसेट की क़ीमत को साफ़ तौर पर बताना होगा और विज्ञापन में शामिल सेलिब्रिटीज को पहले जोखिम के बारे में बताना होगा।
- VDA पर आधारित विज्ञापनों में “भविष्य में मुनाफे में वृद्धि का वादा या गारंटी” देने संबंधित कोई भी बयान नहीं दिया जाएगा।
- विज्ञापन देने वाले के बारे में सही जानकारी और भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य उनसे संपर्क करने के ज़रिए जैसे फोन नंबर या ईमेल की जानकारी दी जानी आवश्यक होगी।
- विज्ञापनों में वर्चुअल डिजिटल एसेट उत्पादों की तुलना किसी अन्य रेगुलेटेड एसेट से नहीं की जा सकेगी।
- इन डिगिताल उत्पादों की क़ीमत और इससे होने वाले मुनाफ़े की सही और स्पष्ट जानकारी देनी होगी। मान लीजिए ‘ज़ीरो कॉस्ट’ का ज़िक्र किया जाता है तो उसमें उन सभी खर्चो को शामिल करना होगा, जिससे ग्राहक को ऑफर या ट्रांजैक्शन से संबंधित सटीक जानकारी मिल सके।
ASCI Crypto ads Guidelines: 1 अप्रैल 2022 से देशभर में लागू हो जाएगी ASCI की नई गाइडलाइन्स
आपको बता दें ASCI द्वारा विज्ञापनों के लिए जारी की गई ये गाइडलाइंस 1 अप्रैल 2022 से देशभर में लागू कर दी जाएगी।
ASCI की मानें तो इन दिशानिर्देशों को सरकार और अन्य तमाम स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श के बाद ही अंतिम स्वरूप दिया गया है। बताया गया कि VDA संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइंस को लेकर पिछले काफ़ी समय से चर्चा की जा रही थी।
ध्यान देने वाली बात ये है कि इस बार के बजट 2022 में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भारत में किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफ़र (लेनदेन) आदि से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया तो देश में डिजिटल एसेट्स के क़ानूनी भविष्य को लेकर अटकलें तेज कर दी थीं।
ये कहा जाने लगा था कि सरकार इसको क़ानूनी मान्यता देने का मन बना रही है। लेकिन इसके बाद ख़ुद वित्त मंत्री की ओर से इन अटकलों का खंडन कर दिया गया, और बताया गया कि टैक्स लगाने का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि सरकार इसको आधिकारिक रूप से मान्यता दे रही है।
इसके साथ ही कुछ ही दिनों पहले, भारत के वित्त सचिव, टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने अपने बयान में कहा कि बिटकॉइन (Bitcoin) और इथीरियम (Ethereum) या नॉन फंजीबल टोकन (NFTs) को भारत में कभी भी वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) घोषित नहीं किया जा सकता।
और हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने भी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को देश की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा ख़तरा बताया था।
ऐसे में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अभी भी कुछ साफ़ तौर पर कह पाना मुश्किल सा ही नज़र आ रहा है, लेकिन इतना ज़रूर है कि इसको अभी तक पूरी तरह से नकारा भी नहीं गया है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
Cryptocurrencies भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य की भविष्य में मज़बूत संभावनाएं- Raghuram Rajan
Cryptocurrencies की भविष्य में मज़बूत संभावनाएं- Raghuram Rajan
www.indianpsubank.in: भारत सहित दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है , टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Alan Musk) सहित दुनिया के कई बड़े टेक्नोक्रेट पहले से ही लगातार अलग अलग क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को प्रोमोट करके अरबों डॉलर की कमाई कर चुके हैं. भारत में भी लगातार क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है. अब Reserve Bank Of India( RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) के वयान के भारत में क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) का क्रेज और बढ़ सकता है. रघुराम राजन ( Raghuram Rajan) का कहना है , " अगर क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को बेहतर ढंग से रेगुलेट किया जाता है तो भविष्य की इसकी काफी सम्भावना है. रेगुलेटेड क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) के बेहतर भविष्य की उम्मीद के बाबजूद रघुराम राजन ( Raghuram Rajan) के यह भी कहा है की अभी तक यह साफ नहीं है की किन फंडामेंटल की वजह से क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को इतना सपोर्ट मिल रहा है. उन्होंने कहा की मुश्किल वक्त में क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) आपका आखिरी सहारा नहीं बनेगा। एकबार इनका सही इस्तेमाल शुरू होगा तब जाकर मुझे इनके वैल्यूएशन पर भरोसा होगा। जैसे क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन और पेमेंट का तरीका क्या होगा। आपको बता दें रघुराम राजन ( Raghuram Rajan) ने यह बातें 25 अगस्त को रायटर्स ग्लोबल मार्केट्स फोरम में बोलते हुए कहीं हैं.
केंद्रीय बैंको को नयी कंपनियों में निवेश को अपनी जिम्मेदारियों में शामिल नहीं करना चाहिए
क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) पर अपनी राय रखने के अलाबा Reserve Bank Of India( RBI) के पूर्व गवर्नर ने यह भी कहा है , " केंद्रीय बैंको को नयी कंपनियों में निवेश की जिम्मेदारी ना लेते हुए पॉलिसी से जुडी अपनी जिम्मेदारियों पर फोकस करना चाहिए। लगातार निवेश बढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए। न की सेंट्रल बैंको की. क्योकिं इनके पास पहले से ही पॉलिसी से जुडी काफी जिम्मेदारियां होती हैं.
25 अगस्त को रायटर्स ग्लोबल मार्केट्स फोरम में भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य बोलते हुए राजन ने कहा , " केंद्रीय बैंको को राजनीति से प्रेरित नए निवेश से दूर रहना चाहिए। क्योकि केंद्रीय बैंको के कामकाज का दायरा पहले से ही काफी बड़ा है."
उन्होंने कहा , " केंद्रीय बैंको का यह कहना की वो ग्रीन बॉन्ड्स खरीद सकते हैं और ब्राउन बांड्स नहीं खरीद सकते यह बिलकुल बैसे ही है जैसे किसी फिस्कल मुद्दे पर अपनी राय थोपना।
रघुराम राजन ( Raghuram Rajan) जी की गिनती दुनिया के टॉप अर्थशात्रियों में होती है. और वह RBI गवर्नर बनने से पूर्व इंटरनेशनल मॉनेटरी फण्ड में चीफ इकोनॉमिस्ट थे. आखिर में उन्होंने कहा की "केंद्रीय बैंको को ग्रीन इन्वेस्टमेंट (Green Investment) की जगह क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) और साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) पर फोकस करना चाहिए।"
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Admin : INDIAN PSU BANK
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Future of Bitcoin in India (बिटकॉइन का भारत में भविष्य)
Note: This post has been written by a WazirX Warrior as a part of the “WazirX Warrior program“.
2009 से आर्थिक क्षेत्र में बदलाव को ले कर एक तकनीक की शुरुआत हुई जिसे हम ब्लॉकचेन और बिटकॉइन के नाम से जानते हैं।बिटकॉइन के जनक सातोशी नाकामोटो को न तो कोई जानता है और न ही किसी ने उन्हें देखा है लेकिन कई तकनीकों के बेजोड़ मेल से सातोशी ने जिस तकनीक और बिटकॉइन को बनाया वह बिना किसी के हस्तक्षेप के पिछले दस सालों से सफलतापूर्व चल रहा है।
दुनिया के कई देशों ने बिटकॉइन को ले कर कानून बनाए और क़ानूनी तौर पर इसका लेनदेन वहां हो रहा है और यहां तक की एटीएम के द्वारा भी आप कई देशों से बिटकॉइन का लेनदेन कर सकते हैं साथ ही वस्तु या सेवाओं के लेनदेन के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है।
अगर हम भारत देश की बात करें तो यहां पर बिटकॉइन के बारे में 2013 में पता चलना शुरू हुआ।ज्यादा जानकारी न होने के कारण कुछ लोगों ने इसमें निवेश किया और थोड़ी सी कीमत बढ़ने पर बेच दिया।इसी बीच कुछ लोग जो बिटकॉइन की जानकारी रखते थे उन्होंने मल्टी लेवल मार्किटिंग के द्वारा बिटकॉइन की कुछ योजनाएं शुरू की और इनके कारण बहुत से लोगों ने अपने निवेश का नुक्सान भी किया और इसकी जानकारी भी प्राप्त की।धीरे धीरे इंटरनेट के माध्यम से भारत में क्रिप्टो की जागरूकता पैदा हुई और क्रिप्टो के लेनदेन के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज भी भारत में शुरू हुई।
क्योंकि क्रिप्टो एक बहुत नया विषय था और इस बारे में सरकार के पास संपूर्ण जानकारी नहीं थी और न ही क्रिप्टो पर कोई सरकारी कर (टैक्स)था था इस लिए क्रिप्टो पर कोई कानून नहीं बना और 2017 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो लेनदेन के लिए बैंक की सेवा देने से मना कर दिया।यह एक ऐसा मौका था जब कई क्रिप्टो प्रोजेक्ट बंद हुए और कई क्रिप्टो एक्सचेंज भी बंद हो गई।एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मार्च 2020 में सर्वोच्च न्यायालय ने रिज़र्व बैंक की रोक को अनुचित करार देते हुए इसे हटा दिया।आज कोई भी भारतीय अपने बैंक से क्रिप्टो एक्सचेंज पर पैसा जमा कर सकता है और क्रिप्टो खरीद कर ट्रेड कर सकता है और क्रिप्टो को बेच कर अपने खाते में पैसा ले सकता है।
भारत में बिटकॉइन और क्रिप्टो का भविष्य क्या है?
भारत सरकार ने क्रिप्टो पर कानून बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था जो अपनी सिफारिशें सरकार को दे चुकी है और इस विषय पर सरकार एक क्रिप्टो बिल नवम्बर में लोकसभा में पेश कर सकती है।
अगर यह बिल बिटकॉइन और क्रिप्टो के पक्ष में आता है तो हम क्रिप्टो के एक नए युग की शुरुआत भारत में देख पाएंगे और उसका कारण है ब्लॉकचेन कि दुनिया में भारतीयों का योगदान।आज भारत के कई आईटी शहर ब्लॉकचेन का हब बन चुके हैं और दुनिया भर के क्रिप्टो प्रोजेक्ट पर भारतीय कंपनिया काम कर रही हैं और सरकार अगर सकारात्मक सोच से साथ बिटकॉइन पर बिल लाती है तो तुरंत लाखों नोकरीया पैदा होगी।दूसरा सबसे बड़ा बदलाव आएगा निवेशक के तौर पर आम जनता में एक विश्वास पैदा होगा और उन्हें बिटकॉइन में निवेश का मौका मिलेगा जो डर रहित होगा यानि उन्हें यह डर नहीं होगा की उनका निवेश गैर कानूनी है।इस से लोगों में एक जागरूकता आएगी और लोग निवेश के इस नए विकल्प को जानेगे और समझेंगे।महिंद्रा ग्रुप और टाटा समूह पहले से ही क्रिप्टो और ब्लॉकचेन की दुनिया में प्रवेश कर चुका है।हाल ही में सुभाष चंद्र गर्ग ने भी यह माना है कि सरकार कॉमोडिटी यानि शेयर ट्रेडिंग की तरह बिटकॉइन को मान्यता दे सकती है।अगर इस दिशा में सही काम हुआ तो भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में भी बिटकॉइन की ट्रेड को देख पाएंगे और निवेश के तौर पर बैंक भी बिटकॉइन में निवेश करने की सुविधा दे सकते हैं।इस बारे में टाटा समूह पहले ही घोषणा कर चुका है।बिटकॉइन को क़ानूनी मान्यता देने से भविष्य में सरकार को इसकी ट्रेडिंग से बहुत बड़े स्तर पर टैक्स भी प्राप्त होगा।जब बिटकॉइन को आसानी से बैंक या एक्सचेंज से ख़रीदा जा सकेगा तो जो सबसे बड़ा फायदा होगा वह यह होगा भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य की निवेशकों को सही कीमत पर बिटकॉइन मिल सकेगा और कालाबाज़ारी करने वालों पर पूर्ण रोक लग जाएगी।
भविष्य में बिटकॉइन तकनीक पर स्कूल और कॉलेज में अगर शिक्षा दी जाए तो शुरू से ही बच्चे इस विषय को समझ पाएंगे और इस दिशा में अपना भविष्य भी बनाने की सोच पाएंगे क्योंकि बिटकॉइन,क्रिप्टो और ब्लॉकचेन भविष्य की तकनीक है और भारत सरकार का सही निर्णय इस क्षेत्र में भारतीयों को बहुत आगे ले जा सकता है और यह बात दुनिया के बड़े क्रिप्टो ब्रांड भी जानते हैं कि भारत में क्रिप्टो का भविष्य बहुत उज्वल है यही कारण है कि भारत में निवेश करने के लिए कई बड़े क्रिप्टो प्रोजेक्ट पहले से ही तैयार है।हाल ही में बाइनेंस ने IMAI की सदस्यता ली है जिसके पीछे उनका उदेश्य भारत सरकार को बिटकॉइन और क्रिप्टो के बारे में सही मागदर्शन करना है ताकि सरकार इस विषय पर सही निर्णय ले सकें।
किसी भी विषय को जानने के लिए सबसे जरुरी है उस विषय पर शिक्षा और ज्ञान होना और क्रिप्टो जैसे विषय पर सही जानकारी दे कर इस क्षेत्र में नए उद्योगपति उभरने की प्रबल संभावनाएं हैं।यह एक ऐसा समय है जब क्रिप्टो की दुनिया में अगर भारत और भारत वासियों को सही जानकारी,मार्गदर्शन,सहयोग और सही दिशा दे दी जाए तो डिजिटल भारत का पूरी दुनिया में नाम हो सकता है और भारतीयों को एक एक नई ओद्योगिक क्रांति में आगे बढ़ने का अवसर मिल सकता है।
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