स्विंग ट्रेडिंग क्या है? – स्विंग ट्रेड, स्टॉक का चयन कैसे करें? (Stock selection for swing trading) , फायदे, नुकसान, इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में अंतर, स्विंग ट्रेडिंग के बारे में कैसे? स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े सवाल और जवाब
Bearish Engulfing Pattern क्या है?
बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न एक तकनीकी चार्ट पैटर्न है जो कीमतों में गिरावट आने का संकेत देता है। पैटर्न में एक अप (सफ़ेद या हरा) कैंडलस्टिक होता है जिसके बाद एक बड़ा डाउन (काला या लाल) कैंडलस्टिक होता है जो छोटे अप कैंडल को ग्रहण या "engulfs" लेता है। पैटर्न महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि यह दिखाता है कि विक्रेताओं ने खरीदारों को पीछे छोड़ दिया है और खरीदार इसे (मोमबत्ती ऊपर) धकेलने में सक्षम होने की तुलना में कीमतों को अधिक आक्रामक तरीके से नीचे (मोमबत्ती के नीचे) धकेल रहे हैं।
Bearish Engulfing कैंडलस्टिक पैटर्न का पालन करने में डर या जोखिम का एक निश्चित तत्व शामिल है। चूंकि यह स्वाभाविक रूप से प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार करने का एक तरीका है और यह आपका मित्र हो सकता है, लेकिन बाजार में उलटफेर होता है और एक बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न बाजार की दिशा में स्विंग ट्रेडिंग के बारे में कैसे? संभावित बदलाव का एक अत्यंत उपयोगी संकेतक है।
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यह कोर्स मुख्य रूप से हमारे जैसे छात्रो के लिए बनाया गया हैं जिसे स्टॉक ट्रेडिंग कहते हैं | इस कोर्स में बहुत ही आसान और सरल भाषा में समझाया गया हैं | अगर कोई भी छात्र इस कोर्स को करता हैं तो सबसे पहले उन्हें स्टॉक मार्किट के बारे में बेसिक चीज बताया गया हैं, उसके बाद स्विंग ट्रेडिंग के बारे में कैसे? बहुत ही आसान और सरल भाषा में मनी मैनेजमेंट के बारे में समझाया गया हैं |
उसके बाद जैसे जैसे आप इस कोर्स में आगे बढ़ेंगे वैसे वैसे इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग जैसे महत्पूर्ण ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज़ की जानकारी दी जाएगी| इसके अलावा आपको ये भी बताया जायेगा की किस प्रकार पार्ट टाइम ट्रेडिंग करके भी शेयर बाज़ार में पैसे बना सकते हैं|
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Ghabshyam Yadav के Trading का सफर कैसे शुरू हुआ?
अपने college के दिनों के दौरान उनके कई सारे नए-नए friend बने, जिनके घर घनश्याम का आना जाना लगा रहता था। एक दिन घनश्याम अपने एक college के दोस्त के घर गए, जहां उन्होंने अपने दोस्त के पिता को computer में कुछ करते हुए देखा। लेकिन पहले दिन उसने इतना ध्यान नहीं दिया, फिर अगले दिन जब स्विंग ट्रेडिंग के बारे में कैसे? घनश्याम फिर से अपने friend के घर गया, तो उसने फिर से अपने दोस्त के पिता को computer use करते हुए देखा। यह बात घनश्याम को थोड़ी अजीब लगी।
इसके बाद ghanshyam ने अपने दोस्त से पूछा कि तुम्हारे पिता हर समय computer पर क्या करते हैं, न काम पर जाते, हमेशा घर पर रहते हैं, ऐसा क्यों? तब घनश्याम के दोस्त ने उसे जवाब दिया कि उसके पिता एक businessman और investor हैं, जो share market में ट्रेडिंग करके खूब पैसा कमाते है। जहां स्विंग ट्रेडिंग के बारे में कैसे? से घनश्याम यादव को ट्रेडिंग में interest आने लगा और वहीं से उनके ट्रेडिंग का सफर शुरू हुआ।
घनश्याम यादव का Carrier कहां से शुरू हुआ?
Ghanshyam yadav ने अपनी निवेश की यात्रा साल 2010 में शुरू की, उन्हें लगातार 2 सालों तक नुकसान होता रहा। लेकिन कहते हैं अगर आप कोशिश करें तो आपको एकदिन सफलता जरूर मिलती है। घनश्याम के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्हें साल 2012 में जाकर share market में एक बड़ी सफलता मिली। उन्होंने share market में लगभग 5 लाख का loss झेला, जो कि एक बड़ी राशि है। घनश्याम यादव की salary में से उनका आधा पैसा सिर्फ trading करने में निकल जाता था। वह अपने घर का खर्चा चलाने के लिए अलग से पोस्टर चिपकाने की part time job करते थे।
वह लगातार ट्रेडिंग करते रहे और अपनी सारी जमा पूंजी share market में investment करने में लगा दी। ऐसा करने से उनकी Life में ऐसा समय आया, जब उनके पास एक भी पैसा नहीं बचा। लेकिन कहते हैं, जब इंसान के अंदर कुछ करने की भावना आ जाए, तो वो सबकुछ कर गुजरता है। घनश्याम के स्विंग ट्रेडिंग के बारे में कैसे? साथ भी ऐसा ही हुआ। उसने trading करना नहीं छोड़ा। Ghanshyam की trading के प्रति इतनी लगन को देखते हुए उसकी पत्नी ने अपने गहनों को गिरवी रखकर घनश्याम को trading करने के लिए पैसे दिए। उनकी यह कुर्बानी बेकार नहीं गई। इस बार घनश्याम को बहुत बड़ा profit हुआ।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
- स्विंग ट्रेडिंग में आपको कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।
- कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट करने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
- स्टॉक में एंट्री लेने के लिए उसके गिरने का इंतज़ार नहीं करना पड़ता।
- स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभवना कम होती है।
- यह एक लेस स्ट्रेस यानी कम तनाव वाली ट्रेडिंग है।
- अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो भी इसे Try कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
- शार्ट टर्म में एग्जिट लेने के कारण आपको बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पता है।
- स्टॉक से जुडी रोजाना आने वाली हर छोटी बड़ी खबर से शेयर के प्राइस में उतार-चढ़ाव आता है।
- एक दिन से ज्यादा होल्ड करने के कारण शेयर में गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
- डे ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग के बारे में कैसे? स्विंग ट्रेडिंग के बारे में कैसे? करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक में बने रहने में प्रॉब्लम आती है।
इंट्राडे स्विंग ट्रेडिंग के बारे में कैसे? ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग के बीच का अंतर (Swing trading vs Day trading) आमतौर पर होल्डिंग टाइम का है। स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर कम से कम एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर को होल्ड किया जाता है, जबकि डे ट्रेडिंग में बाजार बंद होने से पहले पोजीशन को क्लोज करना होता हैं।
क्योंकि हमें स्विंग ट्रेडिंग में एक दिन से ज्यादा के लिए पोजीशन को होल्ड करना होता है इसलिए हमें गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े सवाल और इनके जवाब
सवाल – स्विंग ट्रेडिंग में हम अपने पोर्टफोलियो में स्टॉक को कितने दिन तक रख सकते हैं
जवाब – आमतौर पर स्विंग ट्रडिंग में आप स्टॉक को 1 दिन से ज्यादा या कुछ हफ्ते तक रख सकते हैं लेकिन कोशिस करें की आपको स्टॉक को 3 हफ्ते से ज्यादा होल्ड ना करना पड़े।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?
स्विंग ट्रेडिंग के लिए ऐसा स्टॉक चुने जो अपने 52 वीक हाई के आसपास हो, अगर स्टॉक अपने 52 वीक हाई से लगभग 10-15% नीचे है तो आप ऐसे स्टॉक का चयन कर सकते हैं।
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USDINR Trading Strategy : डॉलर और रुपये के निवेश में कहाँ मिलेगा लाभ - शोमेश कुमार
रुपये और डॉलर के बीच रिश्ता समझना हर किसी के बस की बात नहीं है। बाजार के जानकारों को ये बात समझ में नहीं आ रही है कि डॉलर के मुकाबले रुपये पर इतना दबाव क्यों है ?
क्या इस गुजरते साल में संभल पायेगी रुपये की चाल या नये साल में इसी तरह छकायेंगे डॉलर के मुकाबले रुपये के भाव ? आप भी इनके रिश्ते की बारीकियों के बारे में समझना चाहते हैं तो जरूर देखिये बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार के साथ बातचीत कर रहे हैं निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा।
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