क्रिप्टोकरेंसी क्या है? और यह कैसे काम करती है? – What is Cryptocurrency in Hindi
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आज के इस डिजिटल युग और फ़ास्ट इंटरनेट के दौर में किसी भी जानकारी को प्राप्त करना इतना आसान हैं कि हर प्रकार की जानकारी लोगो तक इंटरनेट के माध्यम से एक दूसरे के द्वारा दूसरो तक पहुंच जाती है। क्रिप्टोकरेंसी उनमे से एक है जो काफी लोग Cryptocurrency के बारे में नहीं जानते या जानना चाहते है और Cryptocurrencies के पीछे भाग रहे हैं।
क्योकि Crypto currency वित्तीय बाजार में लोगो के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी Currency है जिसने बहुत ही कम समय में देश-विदेश के वित्तीय बाजार (financial market) में अपनी पकड़ काफी मजबूत बना ली हैं।
क्रिप्टो करेंसी का बाजार पूरी दुनिया में इतना तेजी से बढ़ रहा है आज हर तरफ crypto currency की चर्चा हो रही है। भारत जैसे इतने बड़े देश में भी Cryptocurrency में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इस समय भारत में लगभग 10 करोड़ क्रिप्टोकरेंसी निवेशक है।
जैसा कि आपको पता होगा क्रिप्टोकरेंसी एक Digital Money है इसे Digital Currency भी कहा जाता है। यह पूरी तरह से Virtual होता है Cryptocurrency को आप महसूस कर सकते है इसे आप अपने जेब या किसी लॉकर में बंद करके नहीं रख सकते है। क्रिप्टोकरेंसी केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध है और हम इसका उपयोग किसी भी प्रकार के फिजिकली लेन-देन में नहीं कर सकते।
वही अगर दूसरी Currencies की बात करें जैसे : भारत में रुपया (Rupees), चीन में युआन (Yuan), USA में डॉलर (Dollar), यूरोप में यूरो (Euro) इत्यादि करेंसी को नोट और सिक्के के रूप में इस्तेमाल किया जाता है इन करेंसी को किसी देश की सरकार द्वारा जारी की जाती हैं और उसके बाद Currency को पूरे देश में लागू कर दिया जाता है।
इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी को भी पूरी दुनिया में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन यहाँ आपको यह जानने और समझने की जरुरत है कि Cryptocurrency के ऊपर किसी भी देश की सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता। क्रिप्टोकरेंसी विकेन्द्रीकृत (Decentrallized) करेंसी है इसलिए इनके ऊपर किसी देश की सरकार/ बैंक/ एजेंसी या बोर्ड का कोई अधिकार नहीं होता। जिसके कारण क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य को विनियमित (Regulate) नहीं किया जा सकता।
दोस्तों जैसा कि पूरी दुनिया में Cryptocurrency kya hai के बारे में काफी चर्चा हो रही है लोग इस विषय के बारे में जानना चाहते है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने इस लेख में Cryptocurrency के विषय के बारे में बताने का प्रयास किया है जिसे आपको अवश्य जानना चाहिए, Cryptocurrency क्या है? तो चलिए शुरू करते है और जानते है कि क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
बाइनेंस क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज
बिज़नेस न्यूज डेस्क - जहां एक तरफ क्रिप्टोकरंसी मार्केट में लोगों का पैसा डूब रहा है. क्रिप्टोकरेंसी की कीमत दिन-ब-दिन घटती जा रही है। इसी वजह से निवेशक भी इस बाजार से दूरी बना रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज बाइनेंस अपनी कंपनी में नए लोगों को नौकरी देने की बात कर रहा है। ट्विटर, गूगल जैसी दुनिया की दिग्गज कंपनियां लोगों को बाहर का रास्ता दिखा रही हैं। दूसरी ओर, दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरंसी-एक्सचेंज बिनेंस साल के अंत तक नई भर्तियां करने जा रहा है। कंपनी के सीईओ ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। आइए इस खबर में जानते हैं कि आखिर कितने लोगों को नौकरी मिलने वाली है। दुनिया की ज्यादातर टेक कंपनियां छंटनी कर रही हैं। दूसरी ओर, दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोक्यूरेंसी-एक्सचेंज बिनेंस नए लोगों को नियुक्त करने की योजना बना रहा है। बाइनेंस के सीईओ चांगपेंग झाओ ने कहा है कि कंपनी इस साल के अंत तक अपनी टीम को बढ़ाकर 8,000 करने जा रही है।
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि, "अब तक कंपनी में लगभग 5,900 बाइनेंस क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज कर्मचारी थे, कुछ दिनों में काम पर रखने के बाद यह संख्या बढ़कर 7,400 से अधिक हो गई है और साल के अंत तक बाइनेंस क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज हम इसे बढ़ाकर 8 हज़ार करने जा रहे हैं। झाओ ने 15 जून के एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि कुछ महीने पहले तक सुपर बाउल विज्ञापनों, स्टेडियम के नामकरण के अधिकार और बड़े प्रायोजक सौदों आदि को ना कहना आसान नहीं था, लेकिन हमने किया। यह बाइनेंस क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज फैसला इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि कुछ दिन पहले दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज FTX धराशायी हो गई और इसके मालिक को रातों-रात 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। ऐसे में इसके बड़े प्रतिद्वंद्वी बाइनेंस का यह फैसला चौंकाने वाला है। आपको बता दें कि FTX कुछ दिनों से कैश की कमी से जूझ रहा था। इसके बाद बाइनेंस इसे खरीदने वाला था, लेकिन बाद में डील से पीछे हट गया। जिसके बाद FTX के शेयर लुढ़क गए।
दोस्ती टूटी, दिवालिया हुई कंपनी और अब FTX के फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड गिरफ्तार
क्रिप्टो जगत का ‘जेफ बेजोस’ कहे जाने वाले और SBF नाम से मशहूर FTX के फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड और सबसे बड़े एक्सचेंज Binance के फाउंडर चांगपेंग झाओ कभी अच्छे दोस्त थे. लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि दोस्ती टूट गई और कंपनी के दिवालिया होने और उनकी गिरफ्तारी के पीछे वजह क्या रही? यहां जानिए.
डिजिटल-एसेट एक्सचेंज FTX के पूर्व सीईओ और फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड (Sam Bankman-Fried) को सोमवार को बहामास में गिरफ्तार किया गया.
बहामास के अटॉर्नी जनरल ने एक बयान में कहा कि बैंकमैन-फ्राइड की गिरफ्तारी अमेरिकी सरकार के कहने पर की गई है. अमेरिका में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दायर किए गए हैं.
बीते महीने ही FTX के धराशायी होने के बाद दोनों देशों द्वारा बैंकमैन-फ्राइड की आपराधिक जांच की जा रही थी.
गौरतलब हो कि फर्म ने 11 नवंबर को खुद को दिवालिया घोषित किया था. FTX में हुई वित्तीय अनियमितताएं सामने आने के बाद सैम फ्राइड की 16 बिलियन डॉलर की संपत्ति कुछ ही दिनों में जीरो हो गई थी. एक वक्त था, जब सैम बैंकमैन की कुल संपत्ति 26 बिलियन डॉलर थी. बता दें कि बैंकमैन फ्राइड द्वारा नियंत्रित ट्रेडिंग फर्म FTX और Alameda Research के बीच संबंधों पर रिपोर्ट के बाद यह क्रिप्टो एक्सचेंज धराशायी हो गया था.
सैम बैंकमैन-फ्राइड की गिरफ्तारी उस वक्त हुई है जब ठीक एक दिन बाद कंपनी के वर्तमान सीईओ जॉन रे III को हाउस फाइनेंशियल सर्विसेज कमेटी के सामने गवाही देनी है.
अटॉर्नी जनरल रयान पिंडर ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा औपचारिक अनुरोध किए जाने के बाद ये गिरफ्तारी हुई है, बहामास बैंकमैन-फ्राइड को अमेरिका को प्रत्यार्पित कर देगा. वहीं इस बीच, बहामिया में अधिकारी बैंकमैन-फ्राइड के खिलाफ अपनी जांच जारी रखेंगे.
FTX दिवालिया होने से पहले दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज था, लेकिन एक्सचेंज पर ग्राहकों के साथ धोखा करने और उनके पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप है.
वहीं, बैंकमैन-फ्राइड ने हाल ही में अपने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर ग्राहकों के धन का दुरुपयोग नहीं किया.
क्या है पूरा मामला?
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबकि, SBF के खिलाफ आरोपों में वायर फ्रॉड, वायर फ्रॉड की साजिश रचना, सिक्योरिटीज फ्रॉड, सिक्योरिटीज फ्रॉड की साजिश रचना और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल हैं.
वहीं, द न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक लाइव इंटरव्यू में बैंकमैन फ्राइड ने अपनी 32 अरब डॉलर की कंपनी के बर्बाद होने के लिए “मैनेजमेंट की भारी नाकामी” और अकाउंटिंग की खामियों को जिम्मेदार ठहराया है. फ्राइड को फिलहाल सिविल और क्रिमिनल जांच का सामना करना पड़ रहा है.
सैम बैंकमैन-फ्राइड इस महीने अपना बिजनेस अम्पायर बर्बाद होने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने “फ्रॉड करने की कभी कोशिश तक नहीं की” और उन्होंने बार-बार कहा, वह नहीं जानते थे कि उनके क्रिप्टो बिजनेस के भीतर क्या चल रहा है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सैम बैंकमैन-फ्राइड ने गुप्त रूप से FTX से उसकी ट्रेडिंग फर्म Alameda Research में 10 बिलियन डॉलर के फंड ट्रांसफर किए थे. Alameda इस फंड का उपयोग ट्रेडिंग के लिए करती थी.
जब ट्रेडिंग के दौरान Alameda को बड़ा नुकसान हुआ तो क्रिप्टो पब्लिकेशन कॉइनडेस्क ने बैलेंस शीट को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद FTX में हड़कंप मच गया. FTX के पास सिर्फ 3 दिन में करीब 6 बिलियन डॉलर की विड्रॉल रिक्वेस्ट आ गई. एक साथ अचानक इतनी बड़ी विड्रॉल रिक्वेस्ट आने की वजह से FTX में फाइनेंशियल क्राइसिस आ गई, जिसके बाद उसने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए एप्लिकेशन दे दी.
दोस्ती टूटने का अंजाम दिवालिया
क्रिप्टो जगत का ‘जेफ बेजोस’ कहे जाने वाले और SBF नाम से मशहूर FTX के फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड और सबसे बड़े एक्सचेंज बाइनेंस क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज बाइनेंस (Binance) के फाउंडर चांगपेंग झाओ कभी अच्छे दोस्त थे. दोस्ती इतनी गहरी थी कि मई 2019 में FTX स्थापित होने के छह महीने बाद झाओ ने उसमें 20% हिस्सेदारी खरीदी थी. लेकिन जल्दी ही दोस्ती में दरार आ गई और 2021 में FTX ने झाओ से शेयर वापस खरीद (बायबैक) लिए. लेकिन इसके बदले कैश देने के बजाय झाओ को FTT टोकन दिए. ये टोकन FTX के अपने बनाए हुए थे और अन्य क्रिप्टो करेंसी की तरह एक्सचेंज पर उनकी ट्रेडिंग भी होती थी.
अचानक 2 नवंबर को खबर आई कि एक्सचेंज ने ग्राहकों की अरबों डॉलर की रकम ग्रुप की दूसरी कंपनी अलामेडा रिसर्च को ट्रांसफर किए हैं. अलामेडा (Alameda) उस रकम से एक्सचेंज के टोकन FTT खरीदती थी. यानी टोकन की डिमांड मार्केट में नहीं थी, बल्कि आर्टिफिशियल डिमांड पैदा की जा रही थी. इस तरह टोकन की वैल्यू भी आर्टिफिशियल थी. दोस्ती टूटने के बाद सैम कई बार सार्वजनिक रूप से झाओ और उनके प्लेटफॉर्म बाइनेंस के खिलाफ बोल चुके थे. FTX की खबर आते ही झाओ ने कह दिया कि वे FTT में अपनी पूरी होल्डिंग बेचेंगे. और फिर FTX दिवालिया हो गया.
दोस्ती टूटी, दिवालिया हुई कंपनी और अब FTX के फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड गिरफ्तार
क्रिप्टो जगत का ‘जेफ बेजोस’ कहे जाने वाले और SBF नाम से मशहूर FTX के फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड और सबसे बड़े एक्सचेंज Binance के फाउंडर चांगपेंग झाओ कभी अच्छे दोस्त थे. लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि दोस्ती टूट गई और कंपनी के दिवालिया होने और उनकी गिरफ्तारी के पीछे वजह क्या रही? यहां जानिए.
डिजिटल-एसेट एक्सचेंज FTX के पूर्व सीईओ और फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड (Sam Bankman-Fried) बाइनेंस क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज को सोमवार को बहामास में गिरफ्तार किया गया.
बहामास के अटॉर्नी जनरल ने एक बयान में कहा कि बैंकमैन-फ्राइड की गिरफ्तारी अमेरिकी सरकार के कहने पर की गई है. अमेरिका में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दायर किए गए हैं.
बीते महीने ही FTX के धराशायी होने के बाद बाइनेंस क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज दोनों देशों द्वारा बैंकमैन-फ्राइड की आपराधिक जांच की जा रही थी.
गौरतलब हो कि फर्म ने 11 नवंबर को खुद को दिवालिया घोषित किया था. FTX में हुई वित्तीय अनियमितताएं सामने आने के बाद सैम फ्राइड की 16 बिलियन डॉलर की संपत्ति कुछ ही दिनों में जीरो हो गई थी. एक वक्त था, जब सैम बैंकमैन की कुल संपत्ति 26 बिलियन डॉलर थी. बता दें कि बैंकमैन फ्राइड द्वारा नियंत्रित ट्रेडिंग फर्म FTX और Alameda Research के बीच संबंधों पर रिपोर्ट के बाद यह क्रिप्टो एक्सचेंज धराशायी हो गया था.
सैम बैंकमैन-फ्राइड की गिरफ्तारी उस वक्त हुई है जब ठीक एक दिन बाद कंपनी के वर्तमान सीईओ जॉन रे III को हाउस फाइनेंशियल सर्विसेज कमेटी के सामने गवाही देनी है.
अटॉर्नी जनरल रयान पिंडर ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा औपचारिक अनुरोध किए जाने के बाद ये गिरफ्तारी हुई है, बहामास बैंकमैन-फ्राइड को अमेरिका को प्रत्यार्पित कर देगा. वहीं इस बीच, बहामिया में अधिकारी बैंकमैन-फ्राइड के खिलाफ अपनी जांच जारी रखेंगे.
FTX दिवालिया होने से पहले दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज था, लेकिन एक्सचेंज पर ग्राहकों के साथ धोखा करने और उनके पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप है.
वहीं, बैंकमैन-फ्राइड ने हाल ही में अपने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर ग्राहकों के धन का दुरुपयोग नहीं किया.
क्या है पूरा मामला?
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबकि, SBF के खिलाफ आरोपों में वायर फ्रॉड, वायर फ्रॉड की साजिश रचना, सिक्योरिटीज फ्रॉड, सिक्योरिटीज फ्रॉड की साजिश रचना और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल हैं.
वहीं, द न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक लाइव इंटरव्यू में बैंकमैन फ्राइड ने अपनी 32 अरब डॉलर की कंपनी के बर्बाद होने के लिए “मैनेजमेंट की भारी नाकामी” और अकाउंटिंग की खामियों को जिम्मेदार ठहराया है. फ्राइड को फिलहाल सिविल और क्रिमिनल जांच का सामना करना पड़ रहा है.
सैम बैंकमैन-फ्राइड इस महीने अपना बिजनेस अम्पायर बर्बाद होने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने “फ्रॉड करने की कभी कोशिश तक नहीं की” और उन्होंने बार-बार कहा, वह नहीं जानते थे कि उनके क्रिप्टो बिजनेस के भीतर क्या चल रहा है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सैम बैंकमैन-फ्राइड ने गुप्त रूप से FTX से उसकी ट्रेडिंग फर्म Alameda Research में 10 बिलियन डॉलर के फंड ट्रांसफर किए थे. Alameda इस फंड का उपयोग ट्रेडिंग के लिए करती थी.
जब ट्रेडिंग के दौरान Alameda को बड़ा नुकसान हुआ तो क्रिप्टो पब्लिकेशन कॉइनडेस्क ने बैलेंस शीट को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद FTX में हड़कंप मच गया. FTX के पास सिर्फ 3 दिन में करीब 6 बिलियन डॉलर की विड्रॉल रिक्वेस्ट आ गई. एक साथ अचानक इतनी बड़ी विड्रॉल रिक्वेस्ट आने की वजह से FTX में फाइनेंशियल क्राइसिस आ गई, जिसके बाद उसने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए एप्लिकेशन दे दी.
दोस्ती टूटने का अंजाम दिवालिया
क्रिप्टो जगत का ‘जेफ बेजोस’ कहे जाने वाले और SBF नाम से मशहूर FTX के फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड और सबसे बड़े एक्सचेंज बाइनेंस (Binance) के फाउंडर चांगपेंग झाओ कभी अच्छे दोस्त थे. दोस्ती इतनी गहरी थी कि मई 2019 में FTX स्थापित होने के छह महीने बाद झाओ ने उसमें 20% हिस्सेदारी खरीदी थी. लेकिन जल्दी ही दोस्ती में दरार आ गई और 2021 में FTX ने झाओ से शेयर वापस खरीद (बायबैक) लिए. लेकिन इसके बदले कैश देने के बजाय झाओ को FTT टोकन दिए. ये टोकन FTX के अपने बनाए हुए थे और अन्य क्रिप्टो करेंसी की तरह एक्सचेंज पर उनकी ट्रेडिंग भी होती थी.
अचानक 2 नवंबर को खबर बाइनेंस क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज आई कि एक्सचेंज ने ग्राहकों की अरबों डॉलर की रकम ग्रुप की दूसरी कंपनी अलामेडा रिसर्च को ट्रांसफर किए हैं. अलामेडा (Alameda) उस रकम से एक्सचेंज के टोकन FTT खरीदती थी. यानी टोकन की डिमांड मार्केट में नहीं थी, बल्कि आर्टिफिशियल डिमांड पैदा की जा रही थी. इस तरह टोकन की वैल्यू भी आर्टिफिशियल थी. दोस्ती टूटने के बाद सैम कई बार सार्वजनिक रूप से झाओ और उनके प्लेटफॉर्म बाइनेंस के खिलाफ बोल चुके थे. FTX की खबर आते ही झाओ ने कह दिया कि वे FTT में अपनी पूरी होल्डिंग बेचेंगे. और फिर FTX दिवालिया हो गया.
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