Types of Sentences in Hindi (वाक्य-विश्लेषण), Format, Examples
Types of Hindi Sentences | Format, Definition, Example of Hindi Sentences
Types of sentences in Hindi – Vakya Vishleshan (वाक्य-विश्लेषण): इस लेख में हम वाक्य-विश्लेषण की सम्पूर्ण जानकारी हासिल करेंगे। वाक्य-विश्लेषण की परिभाषा, वाक्य के दो प्रमुख खण्ड, सरल/साधारण वाक्य का विश्लेषण, मिश्र या मिश्रित वाक्य का विश्लेषण, संयुक्त वाक्य का वाक्य विश्लेषण इन सभी के बारे में विस्तार पूर्वक जानेंगे –
वाक्य-विश्लेषण की परिभाषा – Defintion of Sentences in Hindi
- सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि वाक्य क्या है।
- एक विचार को पूर्ण रूप से प्रकट करने वाला शब्द-समूह वाक्य कहलाता है।
जैसे-
मैं दो दिन से बीमार हूँ।
इसी तरह, किसी वाक्य के विभिन्न घटकों (पदों या पदबंधों) को अलग-अलग करके उनके परस्पर संबंध को बताना वाक्य विश्लेषण कहा जाता है। इस प्रक्रिया को वाक्य विग्रह भी कहते हैं।
दूसरे शब्दों में – रचना के आधार पर बने वाक्यों को उनके अंगों सहित अलग कर उनका परस्पर सम्बन्ध बताना वाक्य विश्लेषण कहलाता है।
रचना के अनुसार वाक्य के निम्नलिखित भेद हैं –
1. साधारण वाक्य।
2. संयुक्त वाक्य।
3. मिश्रित वाक्य।
तीनों वाक्यों का वाक्य-विश्लेषण के अलग-अलग नियम होते हैं। इन नियमों को जानने से पहले वाक्य के दो प्रमुख खण्डों को जान लेना भी अति आवश्यक है-
1. उद्देश्य – जिनके विषय में कुछ कहा जाए।
2. विधेय – उद्देश्य (कर्ता) जो कुछ करता है वह विधेय है।
जैसे-
वाक्य
उद्देश्य (कर्ता)
विधेय
कबूतर डाल पर बैठा है।
कबूतर
डाल पर बैठा है।
मैं दो दिन से बीमार हूँ।
मैं
दो दिन से बीमार हूँ।
उद्देश्य का विस्तार – कई बार वाक्य में उसका परिचय देने वाले अन्य शब्द भी आधारभूत विश्लेषण क्या है साथ आए होते हैं। ये अन्य शब्द उद्देश्य का विस्तार कहलाते हैं।
जैसे –
- काला साँप पेड़ के नीचे बैठा है।
- इनमें काला शब्द उद्देश्य का विस्तार हैं।
सरल/साधारण वाक्य का विश्लेषण
जिस वाक्य में केवल एक ही उद्देश्य (कर्ता) और एक ही समापिका क्रिया हो, वह साधारण वाक्य कहलाता है।
जैसे –
- लड़का खेलता है।
- इसमें ‘लड़का’ उद्देश्य है और ‘खेलता है’ विधेय।
इसमें कर्ता के साथ उसके विस्तारक विशेषण और क्रिया के साथ विस्तारक सहित कर्म एवं क्रिया-विशेषण आ सकते हैं।
जैसे –
- अच्छे लड़के अच्छी तरह खेलते हैं।
- यह भी साधारण वाक्य है।
Types of Sentences in Hindi – सरल/साधारण वाक्य का विश्लेषण के नियम
– सबसे पहले इसमें वाक्य के दो अंग – उद्देश्य तथा विधेय को बताना होता है।
– उद्देश्य के अंग – कर्ता व कर्ता का विस्तार
– विधेय के अन्तर्गत कर्म व कर्म का विस्तारक, पूरक, पूरक का विस्तारक।
जैसे –
तकनीकी विश्लेषण क्या है वर्णन करें?
इसे सुनेंरोकेंतकनीकी विश्लेषण अथवा टेक्निकल एनालिसिस (अंग्रेज़ी: Technical analysis,) विभिन्न प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) (जैसे शेयर आदि) का विश्लेषण करने की विधा है। इसकी सहायता से भविष्य में इनके मूल्यों के बढ़ने-घटने के बारे में अनुमान लगाया जाता है।
आधारभूत विश्लेषण से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंआधारभूत विश्लेषण आर्थिक और वित्तीय घटकों के माध्यम से किसी परिसंपत्ति के आंतरिक मूल्य को खोजने का एक तरीका है। कई कारक हैं जिन्हें मौलिक विश्लेषक ध्यान देते हैं, जिसमें अर्थव्यवस्था और उद्योग की स्थिति सहित समष्टि अर्थव्यवस्था और साथ ही साथ कंपनी प्रबंधन संरचनाओं और दर्शन जैसे सूक्ष्म कारकों में भी ध्यान दिया जाता है।
मौलिक विश्लेषण और तकनीकी विश्लेषण क्या है?
इसे सुनेंरोकेंमौलिक विश्लेषण आमतौर पर एक दीर्घकालिक स्थिति व्यापारी के लिए सिफारिश की जाती है, जबकि तकनीकी विश्लेषण स्विंग व्यापारी या अल्पकालिक व्यापारी के लिए उपयुक्त है। जबकि तकनीकी विश्लेषण केवल पिछले आंकड़ों का विश्लेषण करता है, मौलिक विश्लेषण अतीत और भविष्य के विकास की संभावनाओं दोनों पर केंद्रित है ।
तकनीकी विश्लेषण डाउ सिद्धांत की व्याख्या क्या है?
इसे सुनेंरोकेंस्टॉक-मूल्य गतिविधि पर डाउ सिद्धांत एक तकनीकी विश्लेषण है जिसमें सेक्टर रोटेशन के कुछ पहलु शामिल हैं। इस सिद्धांत को चार्ल्स एच. डाउ (1851-1902) द्वारा लिखित वॉल स्ट्रीट जर्नल के 255 संपादकीय से निकाला गया था, वे वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार, संस्थापक और प्रथम सम्पादक थे और डाउ जोन्स एंड कंपनी के सह-संस्थापक थे।
वित्तीय विश्लेषण से क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंवित्तीय विश्लेषण एक फ़र्म की वित्तीय सुदृढ़ता एवं कमजोरियों को पहचानने का एक प्रक्रम है, जिसमें तुलन-पत्र तथा लाभ व हानि विवरण की मदों के बीच उचित संबंधों को देखा जाता है। एक वित्त प्रबंधक को निश्चित रूप से विश्लेषण के विभिन्न साधनों से सुसज्जित होना चाहिए ताकि फ़र्म के लिए विवेकपूर्ण निर्णय लिए जा सकें।
इसे सुनेंरोकेंतकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। तकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। यह समझना जरूरी है कि तकनीकी विश्लेषण पूरी तरह से शेयर की कीमतों पर आधारित होता है।
स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण कैसे करें?
इसे सुनेंरोकेंस्टॉक के तकनीकी विश्लेषण स्पॉट मूल्य प्रवृत्तियों को पढ़ने के लिए चार्ट और ग्राफ का उपयोग करते है। एक चार्ट आपको मूल्य मूवमेंट की प्रवृत्ति के बारे में बहुत कुछ बताता है। जहां स्टॉक की वर्तमान कीमत आधारभूत विश्लेषण क्या है शीर्षक है, चार्ट के माध्यम से आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है। रुझान अवधि और प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
Return on Capital Employed – ROCE kya hai ?
अगर हम उन शेयरों की पहचान करना चाहते हैं जो लंबी अवधि में हमारे निवेश को कई गुना कर सकते हैं तो अन्य बातों के साथ साथ, हम सबसे पहले दो चीज़ें देखनी होंगी ; पहला, बढ़ता आधारभूत विश्लेषण क्या है हुआ ROCE (Return on Capital Employed) और दूसरा, कंपनी के Capital Employed की मात्रा में लगातार होता हुआ विस्तार। इस प्रकार की कंपनियां कंपाउंडिंग मशीन की तरह कार्य करती हैं, वे प्रॉफिट को लगातार उच्च रिटर्न दरों पर पुनर्निवेश करती हैं और निवेशकों की संपत्ति को लंबे समय तक लगातार Grow करती रहती हैं।
सभी निवेशक और शेयर बाजार विश्लेषक निवेश के लिए बेहतर कंपनी या स्टॉक का चुनाव करने के लिए ROCE का उपयोग अवश्य करते हैं। Return on Capital Employed – ROCE एक ऐसा महत्वपूर्ण वित्तीय अनुपात है जो निवेश के लिए बेहतरीन कंपनी का चुनाव करते समय एक आधारभूत संकेतक की भूमिका निभाता है। Return on Capital Employed – ROCE kya hai ?
ROCE क्या है ?
जब कोई कंपनी किसी भी प्रकार का बिजनेस करती है या नया बिजनेस शुरू करती है तो उस बिजनेस को चलाने के लिए और आगे बढ़ने के लिए उसे उस बिजनेस पर पूंजी या वित्तीय संसाधनों का निवेश करना पड़ता है। यह निवेश कंपनी के बिजनेस की प्रकृति के अनुसार किसी भी आधारभूत विश्लेषण क्या है प्रकार का हो सकता है जैसे भवन, जमीन, मशीन, उपकरण, सॉफ्टवेयर, ब्रांड आदि। इन्ही संसाधनों के सदुपयोग से कंपनी अपना बिजनेस चलाती है और लाभ अर्जित करती है। वित्तीय अनुपात ROCE यह दर्शाता है कि कंपनी अपने बिजनेस से लाभ अर्जित करने के लिए कितनी दक्षतापूर्वक इन संसाधनों या पूंजी का उपयोग कर पा रही है। “How efficiently company is utilising its resources or capital to make profit from its business.”
Formula to Calculate ROCE
ROCE को कैलकुलेट करने के लिए हमें दो चीजों की आवश्यकता होती है। पहला ऑपरेटिंग प्रॉफिट या EBIT ( Earning before Interest and Tax), जिसे हम कंपनी के प्रॉफिट & लॉस स्टेटमेंट से प्राप्त कर सकते हैं। दूसरी चीज जिसकी हमें आवश्यकता होती है वह है Total Capital Employed, जिसे हम कंपनी की बैलेंस शीट की सहायता से कैलकुलेट कर सकते हैं।
ROCE का प्रयोग कैसे करें ?
ROCE के आधार पर निवेश के लिए बेहतर स्टॉक का चुनाव करने के लिए इसका प्रयोग हम दो प्रकार से कर सकते हैं –
- एक ही प्रकार की इंडस्ट्री या सेक्टर में विभिन्न कम्पनियां होती हैं, अगर हमें इन कंपनियों में से उन कंपनियों का चुनाव करना चाहते हैं जिनमें पूंजी का प्रयोग अधिक दक्षता हो रहा हो तो उन कंपनियों में से सबसे अधिक ROCE वाली कंपनियों का चुनाव करना चाहिए। उदाहरण के लिए, नीचे दिए गए चित्र में सीमेंट क्षेत्र की चार कंपनियों और उनके ROCE का मान दिया गया है जिनमे Shree Cement के लिए ROCE का मान अन्य कंपनियों की तुलना में सबसे अधिक (19.14%) है। और Ultratech Cement के लिए ROCE का मान अन्य की तुलना में कम (15.13%) है।
उपरोक्त आधार पर हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि Shree Cement में पूंजी का प्रयोग अन्य कंपनियों की तुलना में अधिक दक्षता पूर्वक किया जा रहा है और Ultratech Cement में यह दक्षता अन्य कंपनियों की तुलना में कुछ कम है।
- जब हम ROCE के आधार पर किसी विशिष्ट कंपनी का विश्लेषण करते हैं तो हम यह देखते हैं कि पिछले कुछ सालों में कंपनी का ROCE कैसा रहा, इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली या इसके ROCE में गिरावट आई। ROCE के मान में साल दर साल वृद्धि एक अच्छा संकेत माना जाता है इसके विपरीत अगर ROCE के मान में साल दर साल गिरावट होती आधारभूत विश्लेषण क्या है है तो हमें और अधिक गहराई से विश्लेषण करने की आवश्यकता होती है।
ROCE के आधार पर विश्लेषण करते समय हमे कुछ चीजों पर ध्यान देने आवश्यकता होती है, जैसे – अगर कंपनी ने अपने बिजनेस में अधिक मात्रा में पूंजी निवेश किया है तो कुछ आने वाले कुछ सालों तक जब तक यह निवेश रिटर्न देना आरंभ नहीं कर देता, कंपनी के ROCE में गिरावट आ सकती है।
केवल ROCE के आधार पर निवेश का निर्णय नहीं लिया जा सकता है । ROCE के साथ साथ इसको प्रभावित करने वाले कारकों पर भी हमे ध्यान देना चाहिए और अन्य वित्तीय अनुपातों का भी अध्ययन करना चाहिए।
Data Analysis in Hindi,डाटा एनालिसिस क्या है।
Data Analysis शब्द का अर्थ है,डाटा का विश्लेषण करना यानि डाटा को परखना। यह डाटा किसी भी प्रकार का और किसी भी क्षेत्र से हो सकता है,जैसे की मेडिकल का डाटा ,कंस्ट्रक्शन का डाटा या फिर किसी बड़ी संस्था या रिटेल का डाटा। लेकिन अब सवाल उठता है,की डाटा का विशेलषण आंखिर क्यों किया जाता है,और इसकी क्या प्रक्रिया है,तो आइये समझते हैं।
डाटा एनालिसिस क्या है। Data Analysis in Hindi.
डाटा एनालिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है,जिसके द्वारा Raw और Unstructured डाटा में से उपयोगी जानकारियाँ निकाली जाती हैं, ताकि निकाली गई इन जानकारियों के आधार पर प्रभावी निर्णय लिए जा सकें।
Data Analysis प्रक्रिया में डाटा का निरीक्षण उसकी प्रोसेसिंग,क्लीनिंग,ट्रांसफॉर्मिंग और मॉडलिंग शामिल होती है,और इन सभी प्रक्रियाओं का इस्तेमाल कर Raw डाटा में से अपने काम की जानकारी निकाल ली जाती है,ताकि इस जानकारी के आधार पर बेहतर निर्णय लिए जा सकें।
इसका उदाहरण आप ठीक उसी तरह से लें सकते हैं,जैसे अपने जीवन में भी हम किसी महत्वपूर्ण कार्य को करने से पहले उसके बारे में विचार करते हैं, यदि अतीत में भी वह कार्य हमने किया है,तो उसका विश्लेषण करते हैं,उससे कुछ सीख लेते हैं,और फिर उसी के आधार पर आगे के कार्य के लिए कोई निर्णय लेते हैं,यही Analysis कहलाता है।
डाटा एनालिसिस क्यों किया जाता है।
डाटा एनालिसिस करने के पीछे का कारण सीधे तोर पर उपयोगी जानकारियाँ जुटाना है,ताकि जुटाई गई जानकारी के अनुसार आगे की प्रभावी रणनीति तैयार की जा सके और उपयुक्त कदम उठाए जा सके।
data एनालिसिस आज किसी भी बिज़नेस का एक प्रमुख हिस्सा है,जहाँ पर बिज़नेस के पिछले सारे डाटा का डाटा साइंटिस्ट या डाटा एनालिस्ट के द्वारा विश्लेषण किया जाता है,और एनालिसिस की एक तय प्रक्रिया के द्वारा डाटा को प्रोसेस किया जाता है,जिसके बाद बिज़नेस से जुड़ी उपयोगी जानकारियाँ प्राप्त होती है,जिन्हे Processed Data भी कहा जाता है।
इन उपयोगी जानकारियों से बिज़नेस की पिछली पूरी रिपोर्ट मिल जाती है,उदाहरण के तोर पर जैसे बिज़नेस को डेवलप करने के लिए क्या कदम उठाए गए थे,उनसे बिज़नेस को क्या फायदा या नुकसान हुवा इत्यादि और फिर इन्ही आंकड़ों के अनुसार आगे के लिए उचित निर्णय लिए जाते हैं।
डाटा एनालिसिस की प्रक्रिया। Method of Data Analysis in Hindi.
किसी Raw डाटा में से उपयोगी जानकारी निकालने के लिए Data Analysis Process का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक प्रक्रिया है जिसका पालन करने के बाद ही एनालिसिस पूरी हो पाती है और उपयोगी जानकारी सामने निकल कर आती है।
डाटा एनालिसिस प्रोसेस के अंतर्गत निम्नलिखित चरण शामिल हैं।
यह डाटा एनालिसि का सबसे पहला और मुख्य चरण है,जिसमे आपको अपनी जरुरत को समझना होता है,यानि किस प्रकार का डाटा एनालिसिस आप चाहते हैं,और उससे क्या परिणाम की इच्छा रखते हैं। इस चरण का उद्देश्य आपकी डाटा एनालिसिस की जरुरत को समझना होता है,जैसे क्या,कैसे और क्यों ताकि स्पष्टता रहे।
Data Collection:-
पहले चरण के बाद आपके सामने स्पष्टता आ जाएगी और इसका अगला चरण है डाटा कलेक्शन का। यह एक महत्वपूर्ण चरण होता है क्योंकि इसमें सही डाटा श्रोतों के चुनाव पर ही एनालिसिस का परिणाम निर्भर करता है।डाटा कलेक्शन में सबसे पहले Internal Sources से डाटा जुटाया जाता है,
जैसे की CRM Software ERP system,Marketing tools इत्यादि से जिनमे कस्टमर की जानकारी,वित्त की जानकारी और सेल्स इत्यादि की जानकारी रहती है।
अब आते हैं दूसरे श्रोत यानि External Sources इनमे Structured और Unstructured दोनों प्रकार का डाटा शामिल होता है,जिन्हे कई बाहरी श्रोतों से इखट्टा किया जाता है,जो आपके ब्रांड से किसी भी रूप में जुड़े हों जैसे Review sites,Social Sites इत्यादि।
Data Cleaning :-
डाटा क्लीनिंग के इस चरण में डाटा की सफाई की जाती है,यानि जो भी डाटा Collect किया गया है,वह पूरी तरह से उपयोग लायक नहीं होता या कह सकते हैं की समझा नहीं जा सकता। तो इसके लिए Data Team द्वारा इस डाटा की Cleaning और Sorting की जाती है,यह data Analysis का एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण है।
इसकी Cleaning में सही परिणाम प्राप्त करने के लिए डुप्लीकेट,असंगत डाटा को हटा दिया जाता है,यानि किसी भी प्रकार का Error इस डाटा में से हटा दिया जाता है। डाटा क्लीनिंग की इस प्रक्रिया के लिए विभिन्न Tools का उपयोग किया जाता है।
Data Analysis :-
जब एक बार डाटा Collect,Processed और Clean हो जाए,तो वह analysis के लिए तैयार हो जाता है। डाटा एनालिसिस की विभिन्न तकनीक उपलब्ध हैं जिनमे से आप कौन सी तकनीक का उपयोग करते हैं वो आपकी जरुरत पर निर्भर करता है।
इस चरण में Analyst उन सभी तत्वों को ढूंढ़ता है जो आपके टारगेट से सम्बंधित हो। यानि आधारभूत विश्लेषण क्या है इस चरण में डाटा में काफी छेड़-छाड़ व बदलाव किया जाता है,ताकि data Variables में समानता ढुंडी जा सके और इसके लिए सॉफ्टवेयर टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है,ताकि अंत में आपकी जरुरत अनुसार जानकारियाँ निकाली जा सके।
Communication:-
ऊपर के सभी चरणों से गुजरने के बाद अंतिम चरण कम्युनिकेशन का है,यानि जो भी जानकारी एनालिसिस में निकल कर आई है,उसे यूजर की जरुरत अनुसार किस रूप में प्रस्तुत किया जाए जैसे की Table या Charts के रूप में जिससे यूजर को साफ़-साफ़ एनालिसिस का परिणाम या जानकारी दिखाई दे और समझ में आ जाए। या इसमें यह भी हो सकता है की यूजर अतिरिक्त एनालिसिस चाहता हो।
अंतिम शब्द
तो दोस्तों हमें विश्वास है,अब आपको जानकरी हो गई होगी की डाटा एनालिसिस क्या है , Data Analysis in Hindi और Data Analyzing Process क्या है। यदि अभी भी इस से सम्बंधित आपके कोई सवाल हैं,तो आप कमेंट कर के हमसे पूछ सकते हैं।
Basic Salary Gross Salary Net Salary क्या है और वेतन की गणना कैसे करें?
आपमें से ज्यादातर लोग अपनी पढाई पूरी करने के बाद नौकरी के तलाश में लग जाते हैं। किसी को जल्दी तो किसी को देर सवेर नौकरी मिल ही जाती है। नौकरी Join करने के एक महीना पूरा होने के बाद बैंक खाते में Salary आ जाती है। जिसके साथ सैलरी स्लिप भी मिलता है। जिसके बाद आप जरुर जानना चाहेंगे कि Basic Salary, Gross Salary, Net Salary क्या है और वेतन की गणना कैसे करें?
Basic Salary Gross Salary Net Salary क्या है?
आज भी कई जगह जहां ओउटसोर्सिंग या ठेका पर काम करवाया जाता, वहां तो शायद ही किसी को अकाउंट में सैलरी दी जाती हो। मगर कानून के अनुसार अकाउंट नहीं तो चेक से सैलरी भुगतान का नियम है. अगर आपको सैलरी स्लिप नहीं देते तो आप मांग कर सकते हैं। आज इस लेख की माध्यम से हम उसी Salary Structure के अवयव (Component) की बात करने जा रहें हैं। उम्मीद करूंगा कि इसको पूरा पढ़कर लाभ उठायेंगे।
सभी नौकरी पेशा लोगों ने Salary Slip देखा ही होगा। ऊपर दिए गए सैलरी के नमूना से सैलरी Structure को समझने में आसानी होगी। इस सैलरी स्लिप से बहुत से हेड नहीं है। आजकल ठेका या आउटसोर्स वर्कर को इसी तरह का सैलरी स्लिप देने का चलन है। हम सैलरी के मुख्य सभी Components के बारे में चर्चा करेंगे, तो आइये एक-एक कर जानते हैं।
‘वेतन’ का मतलब क्या है? (What does ‘Salary’ Mean?)
बेसिक सैलरी का मतलब क्या होता है? हम Salary (वेतन) उस राशि को कहते है जो किसी भी कंपनी द्वारा उसके कर्मचारी को काम के बदले दिया जाता है। इस वेतन की राशि में सैलरी के सारे Components मौजूए होते हैं। कम्पनी अपने इंटरव्यू और टेस्ट के माध्यम से अलग-अलग पद के लिए योग्यता के अनुसार कर्मचारियों की नियुक्ति करता है। इसके साथ ही उनको उनके काम और योग्यता के आधार पर तय राशि सैलरी के रूप में देता है।
Salary शब्द लैटिन शब्द ‘Salarium’ से उत्पन्न हुआ है। पहले रोमन सैनिक को उनके काम के बदले नमक दिया जाता था।मगर जब अधिकारियों को नमक के परिवहन और संरक्षित करने में दिक्कत आने लगी तो वो वस्तु के बदले पैसे की पेशकश करने लगे। काम के बदले प्राप्त धन को ‘Salarium’ या नमक-धन के रूप में संदर्भित किया गया। जिसे आधुनिक अंग्रेजी में ‘वेतन’ के रूप में जाना जाने लगा।
बेसिक सैलरी यानी मूल वेतन क्या है? (What is Basic Salary)
आपकी असली आय मूल वेतन (Basic Salary) ही है। यह वह वेतन है जो किसी भी कर्मचारी को उसके योग्यता और काम के आधार पर कम्पनी द्वारा दिया जाता है। दूसरे शब्दों में बेसिक वेतन एक नियत राशि है जो किसी भी कम्पनी द्वारा कर्मचारियों द्वारा किये गए कार्य के लिए भुगतान किया जाता है। Basic Salary कम्पनी द्वारा दिए गए बोनस, लाभ या किसी भी अन्य मुआवजे में शामिल नहीं है।
Basic salary in India
मूल वेतन (Basic Salary) कम्पनी द्वारा दिए गए बोनस, लाभ या किसी भी अन्य मुआवजे में शामिल नहीं होता है। बेसिक वेतन सालाना इंक्रीमेंट देकर कई कंपनियों द्वारा बढ़ाया भी जाता है मगर ऐसा जरुरी नहीं है। कोई भी कम्पनी अपने एम्प्लाइज को पद के अनुरूप ही वेतन या बेसिक वेतन तय करती है। अब जैसा कि नाम से पता चलता है, Basic Salary (बेसिक वेतन) एक कर्मचारी का मूल वेतन ही है। विशेषज्ञों के अनुसार, मूल वेतन उद्योग के प्रकार के अनुसार अलग-अलग होता है। ऊपर के सैलरी स्लिप में एम्प्लोयी का बेसिक सैलरी यानी मूल वेतन 18,000 मासिक दिखाया गया है।
Basic Salary (मूल वेतन) की गणना कैसे करें?
अगर आप अपने सैलरी स्लिप (वेतन पर्ची) में देखेंगे तो आपको दो कॉलम मिलेंगे। एक Payment तो दूसरा Deduction. इसमें Payment का मतलब कम्पनी से जो राशि आपके लिए तय की गई है और Deduction का मतलब, आपके पेमेंट से की गई कटौती जैसे पीएफ, ईएसआई, टैक्स इत्यादि है।
आपके वेतन के Payment ऑप्शन में मुख्य रूप से तीन मद होते हैं-
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1. मूल वेतन (Basic Pay)
2. ग्रेड वेतन (Grade Pay)
3. महंगाई भत्ता (D.A.)
मगर इसके आलावा वेतन में कुछ अतिरिक्त मद भी शामिल हो सकते हैं –
6. विकलांग भत्ता (Handicapped Allowance) ( निशक्त कर्मचारियों के लिए )
7. Etc. Basic Salary आपके Monthly CTC के लगभग 30-40% हो सकता है.
ऊपर जो उदहारण के लिए जो सैलरी स्लिप दिया है। उसमें Basic में ही DA (महंगाई भत्ता) जोड़ा हुआ है।
आपके वेतन से DA और HRA का फार्मूला –
Basic Salary और Gross Salary में क्या अंतर है?
Basic Salary किसी कम्पनी या नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को दिया गया वह वेतन दर है। जिसमे ओवरटाइम या किसी भी अन्य प्रकार का अतिरिक्त क्षतिपूर्ति राशि शामिल नहीं है। जबकि Gross Salary (सकल वेतन) कर्मचारी के हरेक तरह के कर या अन्य कटौती से पहले की राशि है और इसमें ओवरटाइम वेतन और बोनस शामिल है। उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी का के पास रुपये का Gross Salary (सकल वेतन) 40,000 है। जिसमे उसका Basic Pay (बुनियादी वेतन) 18,000 रुपये है। इसमें उसको अन्य भत्तों जैसे हाउस किराया भत्ता, वाहन,के अतिरिक्त 18,000 रुपये का वेतन मिलेगा।
Basic Salary, Gross Salary, Net Salary क्या है और वेतन की गणना कैसे करें?
Net Salary/ In hand Salary क्या है?
कर्मचारी के Gross Salary (सकल वेतन) से पीएफ, ईएसआई, टेक्स व् अन्य वैधानिक कटौती के बाद जो शुद्ध वेतन शेष बचता है। उनको ही Net Salary/ In hand Salary कहते हैं। Net Salary ही कर्मचारी का Take Home Salary है। जो कि कम्पनी द्वारा हर महीने कर्मचारी के अकाउंट में क्रेडिट किया जाता है।
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