विदेशी मुद्रा बाजार में खरीदना और बेचना

विदेशी मुद्रा ( विदेशी मुद्रा ) खरीदना और बेचना एक आकर्षक विषय है। इसमें यह जानना शामिल है कि क्या खरीदना और बेचना है और कब खरीदना और बेचना है। अंत में, यह जानते हुए कि विदेशी मुद्रा बाजार में कितनी खरीद और बिक्री है, सब कुछ परिप्रेक्ष्य में रखने में मदद करता है।

चाबी छीन लेना

  • व्यापार लगभग सभी मुद्राओं में किया जा सकता है, लेकिन कुछ मुद्राएं जिन्हें अधिकांश ट्रेडों में बड़ी कंपनियों के रूप में जाना जाता है।
  • विदेशी मुद्रा बाजार में किसी भी व्यापार का पक्ष लेना हमेशा संभव होता है।
  • व्यापारी यह शर्त लगाकर लाभ कमाते हैं कि किसी मुद्रा विदेशी मुद्रा लाभ का मूल्य या तो किसी अन्य मुद्रा के विरुद्ध मूल्यह्रास या मूल्यह्रास करेगा।
  • विदेशी मुद्रा बाजार में औसत दैनिक व्यापार की मात्रा 2019 के दौरान $ 6.5 ट्रिलियन से अधिक थी।

निवेशक कौन सी मुद्राएं खरीद और बेच सकते हैं?

व्यापार लगभग सभी मुद्राओं विदेशी मुद्रा लाभ में किया जा सकता है। हालांकि, अधिकांश ट्रेडों में बड़ी मुद्राओं के रूप में जानी जाने वाली कुछ मुद्राओं का उपयोग किया जाता है। ये मुद्राएं अमेरिकी डॉलर, यूरो, ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन, स्विस फ्रैंक, कनाडाई डॉलर और ऑस्ट्रेलियाई डॉलर हैं। सभी मुद्राओं को मुद्रा जोड़े में उद्धृत किया जाता है । जब कोई व्यापार विदेशी मुद्रा में किया जाता है, तो इसके दो पहलू होते हैं – कोई जोड़ी में एक मुद्रा खरीद रहा है, जबकि दूसरा व्यक्ति दूसरे को बेच रहा है।

यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि सभी जोड़े अधिकांश विदेशी मुद्रा दलालों में उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन कई डॉलर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले व्यापार करते हैं। उदाहरण के लिए, निवेशक मैक्सिकन पेसो या थाई बाट के साथ अमेरिकी डॉलर का व्यापार कर सकते हैं। हालांकि, पेसो और बाहत के बीच सीधा व्यापार बहुत कम आम है। एक विदेशी मुद्रा, जैसे थाई बाहत, आमतौर पर केवल विदेशी मुद्रा दलालों के अधिकांश फॉरेक्स ब्रोकरों के खिलाफ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले होती है।

क्या आप बिना खरीदे विदेशी मुद्रा में बिक्री कर सकते हैं?

विदेशी मुद्रा बाजार में किसी भी व्यापार का पक्ष लेना हमेशा संभव होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में रहना और अमेरिकी डॉलर के साथ शुरुआत करना एक व्यापारी को अन्य मुद्राओं के साथ डॉलर के मुकाबले सट्टेबाजी तक सीमित नहीं करता है।

बहुत कम बिकने वाले शेयरों की तरह, एक निवेशक विदेशी मुद्रा उधार ले सकता है और अमेरिकी डॉलर खरीदने के लिए धन का उपयोग कर सकता है। यदि विदेशी मुद्रा में गिरावट आती है, तो अमेरिकी व्यापारी कम अमेरिकी डॉलर के साथ ऋण वापस कर सकता है और लाभ कमा सकता है। यह जटिल लगता है, लेकिन वास्तव में एक मुद्रा जोड़ी का व्यापार किसी अन्य निवेश को खरीदने और विदेशी मुद्रा लाभ बेचने के लिए समान रूप से काम करता है।

एक विदेशी मुद्रा में उधार लेना और दूसरी विदेशी मुद्रा खरीदना भी संभव है। उदाहरण के लिए, एक अमेरिकी व्यापारी जापानी येन को उधार ले सकता है और ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खरीदने के लिए धन का उपयोग कर सकता है।

कब खरीदें और बेचें

व्यापारी दांव लगा है कि एक मुद्रा के मूल्य या तो होगा से लाभ कमाने के लिए देखने के लिए सराहना करते हैं या मूल्य कम अन्य मुद्रा के खिलाफ। उदाहरण के लिए, मान लें कि आप अमेरिकी डॉलर खरीदते हैं और यूरो बेचते हैं। इस मामले में, आप शर्त लगा रहे हैं कि यूरो के मुकाबले डॉलर का मूल्य बढ़ जाएगा। यदि आपका दांव सही है और डॉलर का मूल्य बढ़ता है, तो आप लाभ कमाएंगे।

ट्रेडिंग फॉरेक्स सब कुछ दांव पर पैसा बनाने और घाटे को काटने के बारे में है जब बाजार दूसरे रास्ते पर जाता है। फॉरेक्स मार्केट में लीवरेज का उपयोग करके मुनाफे (और नुकसान) को बढ़ाया जा सकता है ।

नए विदेशी मुद्रा व्यापारियों को पहले लाभ कमाने का प्रयास करना चाहिए और केवल निरंतर लाभ कैसे प्राप्त करना सीखने के बाद लीवरेज का उपयोग करना चाहिए।

विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है?

विदेशी मुद्रा बाजार दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स द्वारा आयोजित 2019 त्रैवार्षिक सेंट्रल बैंक सर्वेक्षण के अनुसार, दैनिक कारोबार की मात्रा $ 6.5 ट्रिलियन से अधिक थी।

विशाल ट्रेडिंग वॉल्यूम उत्कृष्ट तरलता के साथ विदेशी मुद्रा बाजार प्रदान करता है । यह तरलता लेन-देन की लागत को कम करके लगातार व्यापारियों को लाभान्वित करती है। सभी ट्रेडिंग ओवर-द-काउंटर हैं, जो ट्रेडों को सप्ताह के दिनों में 24 घंटे बनाने की अनुमति देता है।

विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आई गिरावट, जानिए कितना रह गया

विदेशी मुद्रा लाभ

बिजनेस डेस्कः देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर से गिरावट हुई है। यह लगातार तीसरा सप्ताह है जबकि इसमें कमी हुई है। इससे पहले सिर्फ दो सप्ताह इसमें बढ़ोतरी हुई थी। उससे पहले लगातार 10 सप्ताह तक इसमें कमी भी हुई थी। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक बीते 17 जून को समाप्त सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 5.87 अरब डॉलर की कमी हुई है। इसी के साथ अब अपना विदेशी मुद्रा भंडार घट कर 590.588 अरब डॉलर रह गया है। इससे पिछले सप्ताह (10 जून 2022 को समाप्त सप्ताह में) विदेशी मुद्रा भंडार 4.599 अरब डॉलर घटकर 596.458 अरब डॉलर रह गया था। ऐसा लगातार तीसरे सप्ताह हुआ, जबकि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटा है।

20 मई से पहले भी लगातार 10 सप्ताह तक घटा था
अपना विदेशी मुद्रा भंडार एक महीने से अधिक समय तक 600 बिलियन डॉलर से नीचे रहा था। इसके साथ ही यह लगातार 10 सप्ताह तक गिरा था। तब जा कर 20 मई 2022 और 27 मई 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई थी। आरबीआई के साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के मुताबिक 27 मई को सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.854 अरब डॉलर बढ़कर 601.363 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।

फॉरेन करेंसी असेट में गिरावट
दस जून को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों या फॉरेन करेंसी असेट में आई गिरावट है। यह कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक है। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में फॉरेन करेंसी असेट (FCA) 5.362 अरब डॉलर घटकर 526.882 अरब डॉलर रह गया। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा लाभ विदेशी मुद्रा लाभ आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

स्वर्ण भंडार में भी हुई गिरावट
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 25.8 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 40.584 अरब डॉलर रह गया। समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) 23.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.155 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 1.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.968 अरब डॉलर रह गया।

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देश के विदेशी मुद्रा भंडार में रौनक, वित्तवर्ष 2020-21 में 99.2 अरब डॉलर की जोरदार तेजी

Forex reserves News: वित्तवर्ष 2020-21 में चालू खाता सरप्लस 23.9 अरब डॉलर था, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 में 24.7 अरब डॉलर का घाटा हुआ था.

देश में विदेशी निवेश वित्तवर्ष 2020-21 में 80.1 अरब डॉलर था. (ज़ी बिज़नेस)

Forex reserves News: देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) में, वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान विदेशी मुद्रा लाभ मूल्यांकन प्रभाव सहित 99.2 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है. इससे पिछले वर्ष यह वृद्धि 64.9 अरब डॉलर थी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) पर मूल्यांकन लाभ, प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मूल्य में गिरावट और सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रभाव होता है.

वित्तवर्ष 2020-21 में कितनी हुई बढ़ोतरी
खबर के मुताबिक, मूल्यांकन लाभ वर्ष 2020-21 के दौरान 11.9 अरब डॉलर था, जो वर्ष 2019-20 के दौरान 5.4 अरब डॉलर था. वर्ष 2020-21 के दौरान भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में बदलाव के स्रोत पर इस रिपोर्ट के मुताबिक, भुगतान संतुलन (मूल्यांकन प्रभावों को छोड़कर) के आधार पर, वित्तवर्ष 2020-21 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 87.3 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान 59.5 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी.

2020-21 में चालू खाता सरप्लस 23.विदेशी मुद्रा लाभ 9 अरब डॉलर
वित्तवर्ष 2020-21 में चालू खाता सरप्लस 23.9 अरब डॉलर था, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 में 24.7 अरब डॉलर का घाटा हुआ था. आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2020-21 में पूंजी खाता 63.4 अरब डॉलर के बराबर था, जो पिछले वित्तवर्ष में 84.2 अरब डॉलर था. आंकड़ों से पता चलता है कि देश में विदेशी निवेश वित्तवर्ष 2020-21 में 80.1 अरब डॉलर था, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 में यह 44.4 अरब डॉलर था.

पहली बार 600 अरब डॉलर को पार किया
देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) बीते 4 जून 2021 को खत्म सप्ताह में 6.842 अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 600 अरब डॉलर को पार कर गया था. विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां डॉलर में व्यक्त की जाती हैं. इसमें डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन में अंकित सम्पत्तियां भी शामिल हैं.

क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार, क्या हैं इसके मायने ?

विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिजर्व या एफएक्स रिजर्व भी कहा जाता है

forex

कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंकनोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और अल्पकालिक और दीर्घकालिक विदेशी सरकारी प्रतिभूतियां शामिल होनी चाहिए. हालांकि, सोने के भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता है. यह व्यापक आंकड़ा अधिक विदेशी मुद्रा लाभ आसानी से उपलब्ध है, लेकिन इसे आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय भंडार या अंतर्राष्ट्रीय भंडार कहा जाता है.

विदेशी मुद्रा भंडार को आमतौर पर किसी देश के अंतरराष्ट्रीय निवेश की स्थिति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. आमतौर पर, जब किसी देश के मौद्रिक प्राधिकरण पर किसी प्रकार का दायित्व होता है, तो उसे अन्य श्रेणियों जैसे कि अन्य निवेशों में शामिल किया जाएगा. सेंट्रल बैंक की बैलेंस शीट में, घरेलू ऋण के साथ विदेशी मुद्रा भंडार संपत्ति है.

आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय भंडार संपत्ति एक केंद्रीय बैंक को घरेलू मुद्रा खरीदने की विदेशी मुद्रा लाभ अनुमति देती है, जिसे केंद्रीय बैंक के लिए लायबिलिटी माना जाता है.
देश का विदेशी पूंजी भंडार 11 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 2.68 अरब डॉलर बढ़कर 396.08 अरब डॉलर हो गया, जो 27,671.0 अरब रुपये के बराबर है. विदेशी मुद्रा भंडार पर पाउंड, स्टर्लिग, येन जैसी अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है.

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India Forex Reserve: विदेशी मुद्रा कोष में जारी है गिरावट, 550.87 अरब डॉलर रह गया भंडार

Forex Reserve: फरवरी के आखिर में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है. मार्च के आखिर में विदेशी मुद्रा भंडार 607 अरब डॉलर था.

By: ABP Live | Updated at : 16 Sep 2022 07:17 PM (IST)

India Forex Reserve: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखी जा रही है आरबीआई द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक 9 सितंबर 2022 को हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर गिरकर 550.87 अरब डॉलर हो गया. इससे पहले के सप्ताह में 2 सितंबर को खत्म हफ्ते के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 553.विदेशी मुद्रा लाभ 10 अरब डॉलर रहा था.

लगातार गिर रहा है विदेशी मुद्रा भंडार
जुलाई के अंतिम सप्ताह में बढ़ोतरी को छोड़कर हर एक सप्ताह में रिजर्व में गिरावट आई थी. फरवरी के आखिर में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है. मार्च के आखिर में विदेशी मुद्रा भंडार 607 अरब डॉलर था. फॉरेन करेंसी ऐसेट में गिरावट के चलते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में ये गिरावट आई है क्योंकि रिजर्व का सबसे बड़ा हिस्सा है. समीक्षाधीन सप्ताह में फॉरेन करेंसी ऐसेट 2.52 अरब डॉलर गिरकर 489.60 अरब डॉलर हो गया.

जानकारों का मानना है कि विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है. आने वाले दिनों में ये घटकर 510 अरब डॉलर तक गिर सकता है. खासतौर से चालू खाते के घाटा 4 फीसदी तक आया है विदेशी मुद्रा भंडार में और भी गिरावट आ सकती है.

Deutsche Bank ने हाल ही में जारी किए रिपोर्ट में कहा है कि इस वर्ष भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के आसार हैं. खासतौर से आरबीआई द्वारा रुपये को गिरने से थामने के प्रयासों और चालू खाते के घाटे के बढ़ने के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में और गिरावट आ सकती है. इससे पहले शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.74 पर किलोज हुआ है. रुपये में 3 पैसे की मजबूती देखी गई.

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Published at : 16 Sep 2022 07:17 PM (IST) Tags: Russia - Ukraine War RBI India's forex reserves हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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